Balod News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बालोद जिले का एक ऐसा गांव, जो आज अपने आप मे एक थाने के रूप में उभरने लगा है. जहां के ग्रामीणों और पंचायत प्रतिनिधियों की ओर से जारी किए गए फरमान ने अवैध कारोबारियों की नींद उड़ा दी है. जहां पुलिस ने नहीं बल्कि पंचायत के जनप्रतिनिधि और ग्रामीणों ने अपने नियम कायदे बनाये है. उल्लघंन के लिए जुर्माने के तौर पर सजा भुगतान पड़ेगी. इस गांव में शराब और अवैध गतिविधि पूरी तरह से प्रतिबंधित है.
बालोद जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूरी पर बसा 1700 की जनसंख्या वाली आबादी वाला गांव है कुरदी. जहां ना तो अवैध रूप से शराब बिकती है और ना ही खुले में लोग शराब पीते हैं. रुपया-पैसे का दाम लगाने वाला खेल सट्टा पर भी पूरी तरीके से प्रतिबंध है. अगर कोई चोरी-छिपे शराब बेचते या पीते पाया जाता है, तो उसे सजा के तौर पर ग्राम पंचायत को जुर्माना देना होता है.
पंचायत के लोगों ने खुद का कानून बनाया
दरअसल, 4 महीने पहले कुरदी गांव में दर्जनों लोग शराब की दुकान से बड़ी संख्या में शराब लेकर गांव में अवैध रूप से बेचते थे. जिसके चलते सार्वजनिक स्थानों में शराबियों का जमावड़ा लगा रहता था और शराब पीने के बाद गांव में विवाद की स्थिति पैदा करते थे. आए दिन गांव में शराबियों का विवाद सामने आता था. जिसको लेकर ग्रामीण काफी परेशान हो गए थे. इसी साल जुलाई माह में ग्रामीणों और ग्राम विकास समिति के सदस्यों की मौजूदगी में पंचायत में एक बैठक आयोजित हुई.
बैठक में मौजूद लोगों की सहमति से यह फैसला हुआ कि गांव में अगर कोई शराब बेचता है तो उसे 10 हज़ार रुपये जुर्माना पंचायत को देना होगा और अगर कोई अवैध रूप से शराब खरीदता है, तो उसे 15 हज़ार रुपये जुर्माना देना होगा. इसके अलावा खुले में सार्वजनिक स्थान पर बैठकर कोई शराब पीते दिखा, तो उसे भी 500 रुपये दण्ड के रूप में पंचायत में जमा करना होंगे. यही नहीं अगर गांव में कोई सट्टा खेलते पाया गया तो सीधे 50 हज़ार रुपये जुर्माना देना होगा.
अब तक 80 हजार का लग चुका है जुर्माना
अवैध काम पर लगाम लगाने के लिए कुरदी गांव के सार्वजनिक स्थानों में 21 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. ताकि शराब बेचने, शराब पीने वाले और सट्टा लिखने वालों पर निगरानी रखी जा सके. सरपंच बताते हैं कि जुलाई माह से पहले अवैध रूप से शराब बेचने वाले 12 लोगों से जुर्माने के तौर पर 30 हजार रुपए वसूले जा चुके हैं तो वही सट्टा लिखने वाले दो व्यक्तियों से 50 हजार रुपए जुर्माने के तौर पर वसूला गया है यानी अब तक अवैध काम करने वालों से 80 हजार रुपए वसूला जा चुका है. जिस पैसे को गांव के विकास के लिए उपयोग में लाया जाएगा.
अवैध गतिविधि की सूचना देने वाले को मिलता है इनाम
अगर शराब बेचने, शराब पीने वाले और सट्टा लिखने वाले की जानकारी अगर कोई पंचायत के जनप्रतिनिधियों को देता है तो उसे 500 रुपये पुरस्कार के तौर पर दिया जाएगा और उसका नाम गोपनीय रखा जाएगा. ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों का यह फैसला मानों गांव में चमत्कार कर गया. बैठक में जारी किए फरमान के बाद पांच माह से गांव में न शराब बिकती है और न ही कोई खुले में शराब पीता है. सट्टा लिखने वालों का कारोबार भी बंद हो गया है. जिसके चलते गांव में शांति का माहौल है.
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