Liquor Shop Appeal To Government: छत्तीसगढ़ में शराबबंदी को लेकर पक्ष-विपक्ष के नेता एक दूसरे पर बयान बाजी करते नजर आते हैं. कांग्रेस की भूपेश सरकार ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि अगर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनती है तो छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी की जाएगी. लेकिन अब तक शराबबंदी नहीं हुई है. जहां एक तरफ सरकार ने छत्तीसगढ़ में शराबबंदी करनी है या नहीं इसको लेकर एक कमेटी बनाई है जो अन्य राज्यों में जाकर शराबबंदी असर को देख रही है, तो वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ के ही एक गांव में ग्रामीणों ने प्रशासन से शराब भट्टी खोले जाने की मांग कर दी है.
दरअसल बालोद जिले के ग्राम पंचायत करही बदर के लोग कलेक्ट्रेट पहुंचे और उन्होंने ग्राम की समस्याओं को प्रमुखता से कलेक्टर के सामने रखा. उन्होंने कलेक्टर के माध्यम से शासन को पत्र लिखा है कि उनके गांव में अवैध शराब की बेतहाशा बिक्री होती है. जिसको रोकने के लिए उन्होंने गांव में संचालित पुराने शराब दुकान को फिर से शुरू करने की मांग की है. सरपंच लीलाराम डरसेना ने बताया कि हम अवैध शराब को लगाम लगाने का हर संभव प्रयास कर चुके हैं. लेकिन निराशा ही हाथ लगी है. इसलिए हम चाहते हैं कि गांव में शराब दुकान खोली जाए ताकि अवैध शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जा सके.
अवैध शराब के कब्जे में पूरा गांव
लगभग 7 से 8 साल पहले ग्राम करही बदर में शराब दुकान संचालित हुआ करता था और उस समय अवैध शराब की बिक्री लगभग ना के बराबर होती थी. सरपंच ने बताया कि आज गांव पूरी तरह अवैध शराब के कब्जे में हैं. लाख कोशिशों के बावजूद भी हम सब इस पर लगाम नहीं लगा पाए हैं.
सरपंच का कहना है कि पहले जहां पर शराब दुकान संचालित होता था उसी जगह पर फिर से शराब दुकान खोला जाए. सरपंच सहित ग्रामीणों ने बताया कि अवैध शराब के चलते गांव में अशांति हो रही है. पहले भी लगाम लगाने का प्रयास किया गया है और 50 हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान भी रखा गया है. लगातार पुलिस की कार्रवाई भी होती है. इसके बावजूद फिर से अवैध शराब में लिप्त लोग अपना कारोबार शुरू कर देते हैं.
पहली बार ग्रामीणों ने की ऐसी मांग
बालोद जिले सहित इसे प्रदेश का यह पहला मामला है जहां पर ग्रामीणों ने खुद ही अपने गांव में शराब दुकान खोलने की मांग को लेकर प्रशासन से गुहार लगाई है. दरअसल शराब दुकान से इस गांव में रौनक भी बनी रहती है और यहां का मार्केट काफी विख्यात हुआ करता था. ग्रामीणों की सोच है कि यदि शासन अपनी शराब दुकान खोलता है तो इस इलाके में अवैध शराब का कारोबार बंद हो जाएगा जिससे गांव के लोग गलत संगति में नहीं पड़ेंगे.
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