Badi Yojna: छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh Government) ने नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी योजना (Badi Yojana) के अंतर्गत महिलाएं गौठानों में सामूहिक रूप से बारहमासी फल, फूल और सब्जियां उगा रही हैं. गौठानो में उगाए गए पेड़-पौधे पर्यावरण के संरक्षण और संर्वधन के साथ-साथ इस काम में लगे महिलाओं के लिए अतिरिक्त आय का जरिया बन गए हैं. बालोद(Balod) जिले के महिला समूहों ने फल, फूल और सब्जियों को बेचकर अब तक लाखों रुपये का मुनाफा कमाया है.
बालोद में स्व सहायता महिला समूह ने खेती की जिम्मेदारी ली है. जिसमें समूह की अध्यक्ष उषा बाई को बनाया गया है. वहीं, इस समूह को उद्यानिकी विभाग द्वारा आदान सामाग्री के रूप में 57 हजार 600 रुपये की राशि का 7.20 क्विंटल बीज अनुदान के रूप में उपलब्ध कराया गया है.
138 महिला समूहों की 2308 महिलाएं कर रही हैं फल- सब्जियों की खेती
बालोद जिले के 185 गौठानो में सामुदायिक बाड़ी बनाई गई है. जिसमें 138 महिला स्व सहायता समूह द्वारा सब्जी उत्पादन किया जा रहा है. जिले में महात्वाकांक्षी योजन के तहत 2308 महिलाएं सब्जी उत्पादन के काम में लगी हैं. महिला स्व सहायता समूह को सुराजी ग्राम योजना के अंतर्गत जमीन और पानी की सुविधा के साथ तकनीकी जानकारी भी उपलब्ध कराई जाती है.
बालोद जिले के 185 गौठानो में सामुदायिक बाड़ी बनाई गई है. जिसमें 138 महिला स्व सहायता समूह द्वारा सब्जी उत्पादन किया जा रहा है. जिले में महात्वाकांक्षी योजन के तहत 2308 महिलाएं सब्जी उत्पादन के काम में लगी हैं. महिला स्व सहायता समूह को सुराजी ग्राम योजना के अंतर्गत जमीन और पानी की सुविधा के साथ तकनीकी जानकारी भी उपलब्ध कराई जाती है.
महिला समूह ने फल सब्जी बेचकर कमाए 43 लाख रुपए
गौठानों में संचालित सामुदायिक बाड़ी योजना के अंतर्गत महिला स्व सहायता समूहों ने फल-फूल और सब्जियों के उत्पादन और विक्रय से अब तक 43 लाख 20 हजार रुपये का मुनाफा कमाया है. उज्ज्वला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष उषा बाई साहू ने कहा कि राज्य शासन की सामुदायिक बाड़ी कार्यक्रम से महिलाओं को रोजगार के साथ-साथ आमदनी हो रही है. इस योजना को लेकर उषा बाई ने कहा कि सरकार ने ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है. उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार जताया है.
गौठानों में संचालित सामुदायिक बाड़ी योजना के अंतर्गत महिला स्व सहायता समूहों ने फल-फूल और सब्जियों के उत्पादन और विक्रय से अब तक 43 लाख 20 हजार रुपये का मुनाफा कमाया है. उज्ज्वला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष उषा बाई साहू ने कहा कि राज्य शासन की सामुदायिक बाड़ी कार्यक्रम से महिलाओं को रोजगार के साथ-साथ आमदनी हो रही है. इस योजना को लेकर उषा बाई ने कहा कि सरकार ने ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है. उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार जताया है.
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