Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में बलरामपुर (Balrampur) जिले के धनवार अंतरराज्यीय आरटीओ चेक पोस्ट (Dhanwar interstate RTO check post) से इन दिनों रेत का ओवरलोड परिवहन धड़ल्ले से किया जा रहा है जिससे सरकार (Government of Chhattisgarh) को रोजाना लाखों रुपए के राजस्व की हानि हो रही है. इसके अलावा ओवरलोड परिवहन (Overload Transportation) से जिले की सड़कें खराब हो रही हैं. इस मसले को लेकर अब जनप्रतिनिधि सक्रिय हो गए हैं और ओवरलोड पर अंकुश लगाने के लिए धरना प्रदर्शन करने की बात कह रहे हैं. इधर इस मामले में आरटीओ के अधिकारी चेक पोस्ट पर वजन मशीन नहीं होने और स्टॉफ की कमी का हवाला देकर अपनी जिम्मेदारियों से बचते नजर आ रहे हैं. 


जर्जर हो चुका है अम्बिकापुर-बनारस मार्ग
दरअसल, मामला बसंतपुर थानाक्षेत्र के धनवार अंतरराज्यीय आरटीओ चेकपोस्ट का है. यहां इन दिनों सूरजपुर जिले (Surajpur District) से सैकड़ों रेत की ओवरलोड गाडियां बिना कांटा पर्ची के धड़ल्ले से उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) जा रही हैं जिसके कारण शासन को हर दिन लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है. वहीं लगातार ओवरलोड वाहन चलने से अम्बिकापुर-बनारस मार्ग जर्जर हो चुका है जिसका खामियाजा जिलेवासियों को भुगतना पड़ रहा है.


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पैसे देकर की जा रही गाड़ियों की एंट्री
बता दें कि, राजस्व चोरी रोकने के लिए शासन ने बलरामपुर जिले के धनवार गांव जो कि छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश का सीमावर्ती गांव है में आरटीओ, खनिज, वन विभाग और कृषि उपज मंडी के अलग अलग चेक पोस्ट बनाए हैं. सबकी अलग अलग जिम्मेदारी भी तय की गई है. इसके बावजूद शासन को रोजाना लाखों रुपए के राजस्व की हानि हो रही है. सूरजपुर जिले से ओवरलोड रेत लेकर उत्तर प्रदेश जा रहे ड्राइवरों का कहना है कि, उनके पास कांटा पर्ची तो नहीं है लेकिन आरटीओ चेक पोस्ट में पैसे देकर गाड़ी की एंट्री करा दी जाती है. कुछ ड्राइवरों का कहना है कि उनके मालिकों द्वारा आरटीओ की बात हो जाती है जिसके कारण उनके गाड़ियों की कांटा पर्ची की जांच आरटीओ चेक पोस्ट पर नहीं की जाती है.


चेक पोस्ट में नहीं लगी वजन मशीन 
गौरतलब है कि रेत के ओवरलोड परिवहन को लेकर पूर्व में धनवार चेक पोस्ट पर पूर्व जिला पंचायत सदस्य धीरज सिंहदेव की अगुवाई में सप्तहभार धरना प्रदर्शन किया गया था जिसके बाद प्रशासन द्वारा ओवरलोड परिवहन पर पूरी तरह अंकुश लगाने का आश्वासन दिया गया था. इसके बावजूद धड़ल्ले से रेत का ओवरलोड परिवहन किया जा रहा है जिसे देखते हुए धनवार चेकपोस्ट पर रेत के ओवरलोड परिवहन पर अंकुश लगाने फिर धरना प्रदर्शन की बात कही जा रही है. इस मामले में आरटीओ चेक पोस्ट में तैनात अधिकारी भी मान रहे हैं कि शासन के नियमानुसार लोड गाड़ियों में कांटा पर्ची होना अनिवार्य है लेकिन उनका कहना है कि शासन द्वारा चेक पोस्ट में अभी तक वजन मशीन नहीं लगाया गया है जिससे गाड़ियों का वजन नहीं हो पाता.


पूर्व जिला पंचायत सदस्य ने क्या कहा
पूर्व जिला पंचायत सदस्य धीरज सिंहदेव ने बताया कि, पूर्व में प्रशासन द्वारा लिखित में यह आश्वासन दिया गया था कि ओवरलोड की गाड़ी फिर से चलती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी लेकिन अभी पता चल रहा है कि लगातार भारी मात्रा में ओवरलोड गाडियां चल रही हैं. इसके लिए सभी योजनाबद्ध तरीके से कार्यकर्ताओं के साथ जाकर फिर से इस ओवरलोड पर अंकुश लगाने के लिए धरना प्रदर्शन को बाध्य होंगे.


आरटीओ सब इंस्पेक्टर ने क्या कहा
आरटीओ के सब इंस्पेक्टर विष्णु प्रजापति का कहना है कि, शासन का नियम है कि जो गाड़ियां माल लेकर चलेंगी उसमें बिल्टी लेकर चलेंगे, बिल्टी में वजन होना चाहिए, वजन नहीं है तो कांटा पर्ची होना चाहिए. हमारी टीम को निर्देश है कि कांटा पर्ची अनिवार्य है, कांटा पर्ची लेकर आना है. चूंकि कांटा पर्ची लेकर नहीं आते हैं और हमारे यहां कांटा की सुविधा नहीं है. कांटा कराना हो तो 25 से 30 किलोमीटर जाना पड़ता है. स्टाफ की कमी रहती है. अगर हर गाड़ी को कांटा कराने के लिए भेजेंगे तो यहां काम करने में काफी दिक्कत होगी. 


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