Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh)के बलरामपुर (Balrampur) जिले की नगर पंचायत राजपुर में इन दिनों अध्यक्ष की कुर्सी की लड़ाई चरम पर है. नगर पंचायत अध्यक्ष सहदेव लकड़ा द्वारा बुलाई गई सामान्य सभा की बैठक का कांग्रेस (Congress) और बीजेपी (BJP) दोनों के पाषर्दों ने खुलेआम विरोध किया था. इतना ही नहीं दोनों ही पार्टियों के पार्षदों ने इस बैठक अघोषित बहिष्कार भी किया था.
यही नहीं कांग्रेस पाषर्दों ने बताया कि उन्होंने 19 मई को नगर पंचायत राजपुर के अध्यक्ष सहदेव लकड़ा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने संबंधी एक ज्ञापन बलरामपुर कलेक्टर को सौंपा था. इसमें यह आरोप लगाया गया कि नगर पंचायत अध्यक्ष लकड़ा ने नगर के विकास कार्यों में बाधा डाल कर मुख्यमंत्री घोषणा मद की तीन करोड़ रुपये की राशि में मनमानी करते हुए पाषर्दों के साथ दुर्व्यवहार किया. इसके अलावा उन्होंने नागरिकों के साथ भी असंतोषजनक व्यवहार किया.
12 जून को लाया जाएगा अविश्वास प्रस्ताव
वहीं ज्ञापन मिलने के बाद कलेक्टर ने कांग्रेस के छह पाषदों से अविश्वास प्रस्ताव लाने के संबंध में नोटराइज्ड शपथ पत्र लेकर हस्ताक्षर लिए और वैधानिक प्रक्रिया पूर्ण कर नगर पंचायत अध्यक्ष लकड़ा के विरुद्ध 12 जून को अविश्वास प्रस्ताव लाने की तारीख तय कर दी. साथ ही कलेक्टर ने इसकी कॉपी संचालक नगरीय प्रशासन अम्बिकापुर, अनुविभागीय अधिकारी राजपुर और मुख्य नगरपालिका अधिकारी राजपुर को आवश्यक कारवाई के लिए प्रेषित कर दी.
बता दें नगर पंचायत राजपुर के 15 पाषदों में छह कांग्रेस, आठ बीजेपी और एक निदलीय पार्षद शामिल है. इस समय नगर पंचायत राजपुर में बीजेपी है. बता दें छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 43 धारा (क) की उपधारा दो के अनुसार, नगर अविश्वास प्रस्ताव मतदान करने वाले निर्वाचित पाषर्दों के दो तिहाई बहुमत से स्वीकृत हो जाता है, तो अध्यक्ष का पद रिक्त समझा जाएगा.
कम से कम छह पार्षदों की है जरुरत
वतर्मान में यदि आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो 15 पार्षदों वाले नगर पंचायत में यदि 10 पार्षद अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करते हैं, तो अध्यक्ष का पद रिक्त हो जाएगा.यानी अध्यक्ष को अपनी कुर्सी बचाने के लिए कम से कम छह पार्षदों को अपने पाले में डालना होगा. वहीं कांग्रेस पार्षदों ने आरोप लगाया कि अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद मुख्य नगरपालिका अधिकारी ने 30 मई को दो एजेंड़ों को लेकर नगर पंचायत अध्यक्ष सहदेव लकड़ा की अध्यक्षता में सामान्य सभा की बैठक बुलाई थी.
कांग्रेस और बीजेपी के पार्षदों ने पुरजोर विरोध करते हुए बैठक का बहिष्कार कर दिया था. परिणामस्वरूप गणपूर्ति के अभाव में बैठक को स्थगित कर दिया गया था. पाषदों ने बताया कि इस बैठक में अध्यक्ष सहदेव लकड़ा के अलावा बीजेपी की एकमात्र पार्षद मौजूद थीं.
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