Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में 468 ग्राम पंचायतों के सचिवों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चल जाने से पंचायत में संचालित कई योजनाओं के काम पूरी तरह ठप हो गए हैं. 16 मार्च से शुरु हुए इस आंदोलन का आज (7 अप्रैल) 22वां दिन है. पंचायत सचिव परीविक्षा अवधि के बाद सरकारीकरण की मांग कर रहे हैं. दूसरी ओर जिला प्रशासन द्वारा ठप पड़ी योजनाओं को संचालित करने की कोई ठोस पहल नहीं की गई है, जिससे गांवों में त्राहि-त्राहि मच गया है. 


राज्य के पंचायत मंत्री ने बजट सत्र में पंचायत सचिवों के सरकारीकरण किए जाने का आश्वासन दिया था. इसके बाद भी सरकार द्वारा इस पर कोई अमल नहीं किया गया. इससे नाराज छत्तीसगढ़ पंचायत सचिव संघ के आव्हान पर जिले में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू किया गया है. जिले में रामानुजगंज, बलरामपुर, वाड्रफनगर, राजपुर, कुसमी और शंकरगढ़ ब्लॉक में सचिवों ने एक सूत्रीय मांगों को लेकर 16 मार्च से कलमबंद हड़ताल शुरू की है. 


सरकारी योजनाओं के कार्य ठप


सचिवों के हड़ताल में चले जाने से पंचायतों में होने वाले जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र, पेंशन वितरण, राशन कार्ड वितरण, गोधन न्याय योजना, निर्माण कार्य, वन अधिकार पत्र, जाति-निवास, किसान न्याय और आधार सीडिंग जैसी कई योजनाओं के कार्य प्रभावित होकर ठप पड़ गए हैं. जिले के सारे गांव में योजनाओं के बंद होने से त्राहि-त्राहि मच गया है.


जिला प्रशासन द्वारा योजनाओं को संचालित करने के लिए कोई विकल्प नहीं किया गया है, जिससे खासकर पेंशनधारी बुजुर्गों के सामने खाने-पीने की समस्या उठ खड़ी हुई है. दूसरी ओर पंचायत सचिवों का कहना है कि जब तक उनकी एक सूत्रीय मांग सरकारीकरण पूरी नहीं की जाती, तब तक यह हड़ताल जारी रहेगा. यहां चल रहे हड़ताल में ब्लॉक सचिव संघ के अध्यक्ष उत्तम समझदार, रोशन गुप्ता, दिलीप गुप्ता, नावेन्द्र सिंह, परमानंद यादव, गोपाल यादव, अरूण गुप्ता, उदय यादव, नंदकेश्वर सिंह और ओमप्रकाश सिंह, रतन सिंह की भूमिका देखी जा रही है.


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