Chhattisgarh News: बलरामपुर (Balrampur) जिले के कुसमी बस स्टैंड में मेडिकल स्टोर की आड़ में अवैध क्लिनिक संचालित करने के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई करते हुए मेडिकल को सील कर दिया. बता दें कि, सोमवार को अवैध क्लिनिक में एक दो वर्षीय मासूम की गलत इलाज किए जाने से उसकी मौत हो गई थी जिसके बाद से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया था. सीएमएचओ ने आनन-फानन में कुसमी बीएमओ के नेतृत्व में मेडिकल टीम का गठन किया था.


दो इंजेक्शन के बाद बिगड़ने लगी तबीयत


दरअसल, कुसमी ब्लॉक अंतर्गत नीलकंठपुर गांव से 2 वर्षीय मासूम मानसी को उसके परिजन तबीयत खराब होने पर कुसमी बस स्टैंड में संचालित बाबा केजीएन मेडिकल ले गये थे. जहां मेडिकल की आड़ में अवैध क्लिनिक का संचालन कर रहे सिराज खान ने मासूम को दो इंजेक्शन लगाए थे


इंजेक्शन लगाने के तुरंत बाद मासूम खून की उल्टियां करने लगी थी. तब आनन-फानन में मेडिकल संचालक ने ही वाहन व्यवस्था कर मासूम को अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के लिए रवाना किया था. मेडिकल कॉलेज पहुंचने से ही पहले मासूम ने दम तोड़ दिया.


मेडिकल को सील किया गया


गलत इलाज का मामला उजागर होने के बाद पुलिस ने मासूम के शव का पोस्टमार्टम करा कर शव उसके परिजनों को सौप दिया था. स्वास्थ्य विभाग ने भी इस मामले में कार्रवाई करते हुए मेडिकल को सील कर दिया और मामले की जांच जारी कर रही है.


हालांकि, मेडिकल संचालक फरार बताया जा रहा है. सीएमएचओ डॉ बसंत सिंह ने बताया कि सोमवार को एक बच्ची की मौत हुई थी, जिसकी पोस्टमार्टम की कार्रवाई मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर में हुई. इस संबंध में अंबिकापुर में मर्ग कायम किया गया.


सीएमएचओ ने कहा कि आगे बताया कि बीएमओ को तत्काल कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया था. तब प्रशासन के साथ मिलकर उक्त मेडिकल स्टोर को सील कर दिया गया, जहां बच्ची को इंजेक्शन लगाया गया था.


संचालक अभी भी फरार


डॉ बसंत ने बताया कि भविष्य में ऐसी घटनाएं ना हो, इसके लिए सभी बीएमओ को निर्देशित किया गया है. साथ ही झोलाछाप डॉक्टर, प्रैक्टिशनर उनपर प्रशासन के साथ मिलकर कठोर कार्रवाई करने  बात कही गई. उन्होंने कहा कि अभी सील किए गए मेडिकल स्टोर का संचालक फरार है. जैसे ही वो मिलेगा तब पीड़ित पक्ष से बयान लेंगे, इसके बाद वास्तविक स्थिति का पता चलेगा.


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