Balrampur Farmer News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में बलरामपुर (Balrampur) जिले के कुसमी इलाके के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में शामिल 30 पंचायत के 150 किसानों ने इस साल 750 एकड़ में मिर्च की खेती की. साथ ही इस खेती से 11 करोड़ की मिर्च भी बेची. इनमें से कुछ किसानों ने तो 15 से 20 लाख तक की मिर्च बेची. वहीं इससे उन्हें प्रति एकड़ में एक लाख तक की आय हुई, क्योंकि इस साल मिर्च 17 से लेकर 37 रुपए तक बिकी. इसे किसान औसत 2500 रुपए क्विंटल बता रहे हैं. किसानों ने कहा दो साल तक कोरोना के कारण उन्हें सही रेट नहीं मिला, जिसकी भरपाई इस बार हुई है. 


अब कर रहे टमाटर की खेती शुरू


कुसमी सामरी इलाका मिर्च की खेती के लिए मशहूर है. यहां हर साल मिर्च की खेती 400 हेक्टेयर तक में होती थी, लेकिन दो साल कोरोना में उन्हें सही रेट नहीं मिलने से नुकसान हुआ. इस पर किसानों की पूंजी डूब गई और नुकसान के कारण मिर्च खेती का रकबा 300 हेक्टेयर हो गया. हालांकि इस बार किसानों को मिर्च का सही रेट मिला और फायदा भी हुआ. वहीं अब किसान मिर्च की खेती के बाद टमाटर की खेती शुरू कर दिए हैं. उन्हें टमाटर के भी सही रेट मिलने की उम्मीद है.


जानिये क्या कहा किसानों ने


किसानों ने कहा कि यहां पहाड़ी क्षेत्र होने से बारिश का पानी खेतों में नहीं रुकता और यहां की जलवायु इसके लिए उपयुक्त है. इसके कारण वे मिर्च की खेती करते है. वहीं छोटे किसान जिनके पास बीज नहीं होते हैं, वे उधार में दुकानों से लेते हैं. कुसमी के नटवर नगर के मकबूल ने बताया कि उन्होंने 10 एकड़ में मिर्च की खेती की थी. उन्होंने 30 गाड़ी मिर्च बेची. एक गाड़ी में 22 क्विंटल मिर्च आती थी. शुरुआत में उन्होंने 17 सौ रुपए क्विंटल में बेची, लेकिन बाद के 25 से 37 सौ क्विंटल बिकी. उन्होंने करीब 15 लाख से अधिक का मिर्च बेचा. इस पर एकड़ में 50 हजार लागत और तुड़ाई में 26 हजार खर्च हुआ. उन्होंने प्रति एकड़ करीब 80 हजार का फायदा हुआ.


उद्यान विकास अधिकारी प्रेमसागर राम ने बताया कि इस साल पिछले वर्षों की तुलना में कम रकबे में मिर्च की खेती की है. क्योंकि पिछले वर्षों में कोरोना के कारण कम रेट मिला था और कई किसानों को नुकसान हुआ था. इस साल उत्पादन और रेट अपेक्षाकृत ठीक है.


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