Chhattisgarh News: उत्तरी छत्तीसगढ़ में पश्चिमी विक्षोभ की वजह से पखवाड़े भर में दूसरी बार मौसम ने करवट लिया है. जिसकी वजह से जिले के दो दर्जन से अधिक गांवों में बारिश के साथ ओलावृष्टि का प्रभाव पड़ा और इन गांवों में सब्जी की फसल को काफी नुकसान हुआ है. हालांकि कलेक्टर ने ओलावृष्टि प्रभावित इलाकों में राजस्व अमले को भेजकर नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए हैं लेकिन फिलहाल इस नुकसान ने किसानों के माथे में चिंता की लकीर खींच दी हैं.


सब्जी की फसल खराब हुई
जिले के ओलावृष्टि प्रभावित इलाकों में अकेले बलरामपुर विकासखंड की बात करें तो यहां के दर्जन भर गांव ओलावृष्टि से जमकर प्रभावित हुए हैं. इनमें भेदमी, पुटसुरा, भैंसामुंडा, सागरपुर, बनौर, ओबरी, कृष्णानगर, बरदर, चितविश्रामपुर जैसे गांव शामिल हैं जहां किसानों की सब्जी की फसल में ओलावृष्टि की मोटी मोटी परत जम गई थी. सरसो, आलू, टमाटर, गोभी की फसल जमकर खराब हुई है.




ऐसी ओलावृष्टि का किसानों को नहीं था अनुमान
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार उत्तरी छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में बीते दिनों तक बारिश और ओलावृष्टि की संभावना जताई गई थी लेकिन किसी किसानों को इस बात का अनुमान नहीं था ओलावृष्टि इस कदर होगी. लिहाजा अब खराब हो चुकी फसल और व्यर्थ गई मेहनत से लाचार किसान ये मान रहे हैं कि भले ही प्रशासन उन्हें मुआवजा दे देगा लेकिन जिस दाम पर ये सब्जियां बिकतीं उतनी कीमत कोई नहीं दे पाएगा.


नुकसान का आकलन किया जा रहा
किसानों पर आई बिन मौसम आफत के बाद राज्यसभा सांसद के प्रतिनिधि धीरज सिंहदेव भी बलरामपुर के प्रभावित गांव पहुंचे और प्रभावित खेतों का निरीक्षण करके उन्होंने किसानों से मुलाकात की. वहीं जिले के कलेक्टर कुंदन कुमार ने ओलावृष्टि प्रभावित इलाकों में राजस्व अमले को भेज दिया है जो फिलहाल किसानों के नुकसान हुए फसल और सब्जी का आंकलन कर रहे हैं.


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