Balrampur: मिचौंग तूफान से बलरामपुर में हरी सब्जी की फसलों को नुकसान, 5 हजार हेक्टेयर खेत हुए प्रभावित
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में भी मिचौंग तूफान का असर देखा जा रहा है. तूफान के कारण बेमौसम बारिश हो रही जिससे धान और हरी सब्जी की फसलें प्रभावित हो रही हैं.
Balrampur News: सब्जी की फसलों को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती लेकिन बलरामपुर (Balrampur) में पिछले तीन दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश (Rain) से सब्जी की फसलों को काफी नुकसान हुआ है. इससे फूलगोभी, टमाटर, करेला, मिर्ची और कद्दू समेत विभिन्न प्रकार की सब्जियो में माहो लगने का प्रकोप बढ़ गया. जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है. बारिश थमने के बाद अब सब्जियों (Vegetables) में गलन की शिकायत भी शुरू हो गई है. इसके अलावे रसचूसक कीटों का प्रकोप भी दिखने लगा है. बेमौसम बारिश से किसानों की कुछ फसलों को नुकसान होने का अनुमान है.
मिचौंग चक्रवाती तूफान के कारण पिछले तीन दिनों से बलरामपुर जिले में रुक-रुक कर बारिश हो रही है. जिससे धान सहित सब्जियों को नुकसान हुआ है. मौसम अनुकुल होने के चलते जिले के किसानों ने लगभग 5 हजार हेक्टेयर में मटर, सेमी, टमाटर, करेला, गोभी, बैगन, भिंडी, मिर्ची, धनिया पत्ती और मेथी समेत विभिन्न प्रकार की सब्जियां लगाई थीं. सब्जियों की निंदाई, गुणाई, मिट्टी तैयार करने और बीज का रोपण से लेकर फसल तैयार होते तक किसानों को इसमें खाद, मल्टीविटामिन पोषक तत्व और कीटनासक दवाईयों का छिड़काव करना पड़ता है. लेकिन बेमौसम बारिश ने सब्जी की फसल को पूरी तरह से चौपट कर दिया है.
खराब मौसम में काम नहीं कर रहा कीटनाशक
इस बारिश से सब्जियों की फसलों में रसचूसक कीटों का प्रकोप बढ़ गया है, और सब्जिया गलने लगी हैं. मेथी और धनिया पत्ती की फसल तो पूरी तरह चौपट हो गई है. शेष बची सब्जियों में फंगस का अटैक शुरू हो गया है. मौसम खराब होने से कीटनाशक दवाईयां भी काम नहीं कर रही हैं. इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है.
ज्यादा बारिश होने से कीड़े लगने की आशंका
उद्यानिकी विभाग के जिलाधिकारी पतराम ने बताया कि बलरामपुर जिले में लगभग 5 हजार हेक्टेयर भूमि में किसानों ने सब्जी की फसल उगाई है. दो तीन दिनों से हो रही बारिश में उद्यानिकी फसल में माहो का अटैक और बीमारी के लक्षण दिखाई दे रहे हैं. सब्जियों के फूल भी इस हल्के बारिश से झड़ गए हैं. उन्होंने कहा कि यदि लगातार बारिश होती रही तो उद्यानिकी फसलों में कीड़े लगने की आशंका बढ़ जाएगी.
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