Chhattisgarh: पति-पत्नी मिलकर चलाते थे साइबर ठगी का गिरोह, सेक्सटॉर्शन के अपराध में भी शामिल
Cyber Fraud: पुलिस ने दिल्ली के रोहिणी से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, वहीं मामले का मास्टर माइंड अपनी पत्नी के साथ फरार है जो वारदात को अंजाम देने के लिए अपनी पत्नी के बैंक खाते का इस्तेमाल करता था.
Balrampur-Ramanujganj: ज़िले की पुलिस ने फिर से साइबर ठगी के एक मामले का खुलासा किया है. दूसरे राज्यों में बैठ कर साइबर ठगी करने वालों पर एक्शन लेने के लिए ज़िले की पुलिस लगातार एक्टिव नज़र आ रही है. ताजा मामले में पुलिस ने सरकारी विभाग में पदस्थ एक फ़ोर्थ क्लास कर्मचारी के साथ हुई ठगी का खुलासा करते हुए एक आरोपी को दिल्ली के रोहिणी इलाक़े से गिरफ्तार किया है. वहीं दो शातिर आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ़्त से बाहर हैं.
मोबाइल पर आए लिंक पर क्लिक करते ही 25 हजार उड़े
बलरामपुर ज़िला पंचायत में चपरासी के पद पर पदस्थ शंभू पाल बीते 4 मई को ठगी का शिकार हुआ था. दरअसल शंभू पाल के मोबाइल पर एक मैसेज आया था जिसमें एक लिंक दिया हुआ था. शंभू पाल ने जाने अनजाने में जैसे ही इस लिंक पर क्लिक किया वैसे ही उसके अकाउंट से 25 हज़ार रुपए गायब हो गए जिसके बाद ठगी के शिकार शंभू पाल ने मामले की शिकायत सिटी कोतवाली थाना पुलिस से की.
दिल्ली में मिला वारदात का नेटवर्क, एक आरोपी गिरफ्तार
मामला दर्ज होने के बाद पुलिस को पहली ही बार में मामला राजस्थान गिरोह का लगा जिसके बाद बलरामपुर पुलिस ने मामले की तहक़ीक़ात शुरू की और अपने साइबर नेटवर्क के सहारे दिल्ली के रोहिणी इलाक़े तक पहुंची यहां मामले से जुड़े आरोपी इरशाद खान को पुलिस ने हिरासत में लिया और पूछताछ की तो पता चला कि मामले का मास्टर माइंड तारून खान है जो अपनी आरोपी पत्नी के साथ फ़िलहाल पुलिस की गिरफ़्त से बाहर है. इधर बलरामपुर पुलिस ने इरशाद को दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में पेश किया और वहांं से ट्राजिंट रिमांड लेकर आरोपी इरशाद को बलरामपुर ने न्यायिक रिमांड में पेश किया गया. ग़ौरतलब है कि पकड़ा गया आरोपी हरियाणा के नूह ज़िले के नगीना थाना क्षेत्र के उमरा गांव का रहने वाला है.
शातिर है मामले का फ़रार मास्टर माइंड
मामले का फरार मास्टर माइंड तारून इससे पहले कई साइबर क्राइम को अंजाम दे चुका है. अपराध करने के लिए वह अपनी पत्नी आशु बी के खाते का उपयोग करता था. तारून खान और उसकी पत्नी आशु बी राजस्थान के भिवानी (अलवर) ज़िले के किशनगढ़ थाना के मिर्ज़ापुर के रहने वाले हैं. पकड़े गए आरोपी इरशाद की निशानदेही पर छत्तीसगढ़ की बलरामपुर पुलिस ने उसके घर और ठिकानों पर दबिश दी लेकिन दोनों घर पर नहीं मिले. पुलिस ने ये भी बताया कि पुलिस ने उस इलाक़े में तीन दिन कैंप करके अलग-अलग समय पर रेड किया लेकिन फिर भी उनको गिरफ्तार नहीं किया जा सका है.
ज़िले के पुलिस कप्तान मोहित गर्ग ने बताया कि ठगी के मामले में ज़िले की बलरामपुर और साइबर ब्रांच पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पकड़े गए आरोपी की लोकेशन वहां मिली जहां से भरतपुर गैंग ऑपरेट करता है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि इसके माध्यम से इस साइबर ठगी में तारून खान और आशु बी की भी लोकेशन मिली लेकिन वो मौक़े से फ़रार मिले. एसपी मोहित गर्ग ने बताया कि इन आरोपियों के बैंक डिटेल और मोबाइल नंबर जांचने से पता चला कि इन लोगों ने अलग-अलग ई-मेल आईडी से 12-13 मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया है. इसके साथ ही ये आरोपी 4 से 5 बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करते थे. इतना ही नहीं पुलिस के मुताबिक़ ये गिरोह सेक्सटार्शन के अपराध में भी शामिल हैं.