Chhattisgarh News: नए सेशन में मान्यता पाने के लिए स्कूल संचालकों की 'परेड', इन 32 बिंदुओं का करना होगा पालन
Chhattisgarh: बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के निजी स्कूल के संचालक अपने स्कूलों की मान्यता का नवीनीकरण करने के लिए जिला शिक्षा विभाग में आवेदन कर रहे हैं, लेकिन नियमों के पेंच उनको भारी पड़ रहा है.
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Balrampur-Ramanujganj News: माध्यमिक शिक्षा मंडल से मिले निर्देश के बाद अब बलरामपुर-रामानुजगंज (Balrampur-Ramanujganj) जिले में संचालित निजी स्कूल के संचालक अपने स्कूलों की मान्यता का नवीनीकरण करने के लिए जिला शिक्षा विभाग में आवेदन कर रहे हैं, लेकिन नियमों के पेंच के चलते आवश्यक प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए उन्हें मशक्कत करनी पड़ रही है. यही नहीं मान्यता मिलने पर ही वो नए शिक्षण सत्र में स्कूलों का संचालन कर पाएंगे. ऐसे में उनके सामने परेशानी और भी बढ़ गई है.
गौरतलब है कि बलरामपुर जिले में हिन्दी और इंग्लिश मीडियम को मिलाकर करीब दर्जनों निजी स्कूल संचालित हो रहे हैं. 16 जून से नया शिक्षण सत्र भी शुरु हो जाएगा. ऐसे में माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से मान्यता का नवीनीकरण कराने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी हुआ है, जिसके चलते अब निजी स्कूल संचालक अपने स्कूलों की मान्यता का नवीनीकरण कराने और नए स्कूल संचालक मान्यता प्राप्त करने के लिए जिला शिक्षा विभाग में आवेदन कर रहे हैं.
निजी स्कूलों से मांगी जा रही 32 बिन्दुओं पर जानकारी
बताया गया है कि उच्चाधिकारियों के निर्देश पर प्रत्येक स्कूल संचालकों को अब आवेदन के साथ ही पेयजल की व्यवस्था, कक्ष और शिक्षकों की बुनियादी सुविधाओं के साथ विषयवार अध्ययन के लिए शिक्षक, प्रयोगशाला, बच्चों के लिए पर्याप्त सुरक्षा, शौचालय, खेल मैदान, खुद का भवन और पर्याप्त शिक्षा समेत 32 बिन्दुओं पर जानकारी मांगी जा रही है. बता दें जो स्कूल इन बिन्दुओं पर खरा नहीं उतरेंगे उनको मान्यता प्राप्त करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. यही वजह है कि निजी स्कूल संचालकों को नियमों का पेंच भारी पड़ने लगा है.
पता चला है कि जिले के अधिकांश निजी स्कूलों में न तो खेल मैदान की सुविधा है और न ही प्रशिक्षित शिक्षकों की. इसके बाद भी इन स्कूलों को पिछले सत्र में मान्यता दे दी गई थी. ऐसे में इस साल माध्यमिक शिक्षा मंडल की कड़ा निर्देश जारी किया गया है. इसका पालन करना अनिवार्य है. यही वजह है कि उच्च स्तर पर हो रही मॉनिटरिंग के चलते नीजि स्कूल संचालको की परेशानी बढ़ गई है. विभागीय अधिकारी की मानें तो इस साल स्कूल की मान्यता और नवीनीकरण के लिए आवेदनों के वेरिफिकेशन करने के बाद इन स्कूलों का भौतिक सत्यापन भी किया जाएगा.
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