(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Balrampur: होली मनाने गए बुजुर्ग को दंतैल हाथी ने कुचला, दर्दनाक मौत, वन विभाग ने दी 25 हजार की सहायता राशि
Balrampur News: सरगुजा संभाग के बलरामपुर सहित सभी जिलों में हाथी मानव संघर्ष की घटनाओं में इजाफा हुआ है. इसकी वजह से बीते तीन सालों में यहां पर हाथियों ने 103 लोगों को मार डाला है.
Balrampur News Today: छत्तीसगढ़ में बलरामपुर जिले के राजपुर वनपरिक्षेत्र के अंतर्गत नरसिंहपुर में दंतैल हाथी ने बुजुर्ग को कुचलकर मार डाला. मृतक बुजुर्ग क्षेत्र के हड़ही महान नदी के पास अपने रिश्तेदार के यहां होली मनाने गए थे. मौके पर एसडीओ और रेंजर ने पहुंचकर मृतक के परिजनों को तत्काल 25 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की. क्षेत्र में दंतैल हाथी की खबर की आमद से लोगों में दहशत है.
नरसिंहपुर क्षेत्र में लगातार हाथी विचरण कर रहे हैं. इसी इलाके में करेंट लगने से एक हाथी की भी मौत हो गई थी. दरअसल, ग्राम मरकाडांड़ निवासी 65 वर्षीय रामसूरत गौड़ सोमवार (25 मार्च) को अपने घर से होली मानने के लिए अपने साढू के यहां नरसिंहपुर गांव गए हुए थे. जहां से वह होली त्योहार मनाकर अपने घर वापस लौट रहे थे. इसी दौरान रात्रि करीब 11 बजे नरसिंहपुर के हड़ही महान नदी के पास दंतैल हाथी से सामना हो गया. दंतैल हाथी ने बुजुर्ग को कुचलकर मार डाला.
वन विभाग ने दी 25 हजार की सहायता राशि
सुबह ग्रामीणों ने बुजुर्ग का शव देखकर परिजनों और वन विभाग को इसकी सूचना दी. सूचना मिलते ही मौके फारेस्ट एसडीओ आरएसएल श्रीवास्तव, रेंजर महाजन लाल साहू वनकर्मियों के साथ पहुंचकर मृतक के परिजनों को तत्कालीन 25 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की.
बता दें कि, एक सप्ताह से चार हाथी तीन दल में अलग-अलग विचरण कर रहे हैं. दो हाथी कल्याणपुर जंगल और दो हाथी चौरा-दुप्पी के जंगल में विचरण कर रहे हैं. बीती रात वन विभाग के कर्मचारियों ने बुजुर्ग रामसूरत गोड़ को सतर्क किया था, लेकिन वह उनकी बात नहीं माना और रात में दंतैल हाथी ने कुचकलर मार डाला. वन विभाग के द्वारा गांव-गांव में जन चौपाल लगाकर ग्रामीणों को हाथियों से दूर रहने की समझाइश दी जा रही है.
तीन साल में 103 लोगों मार चुके हैं हाथी
लोगों को वन विभाग की टीम लाउडस्पीकर से अनाउंस कर हाथियों से दूर रहने की सलाह दे रही है. इसके बाद भी बीते तीन साल में सरगुजा संभाग में हाथियों ने अब तक 103 लोगों को मार डाला है. दूसरी तरफ यहां पर 40 से अधिक हाथियों की भी मौत हुई है.
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