Basant Panachami In Chhattisgarh: विद्या, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा यानी बसंत पंचमी का त्योहार इस साल 26 जनवरी को मनाया जाएगा. हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है. कोरोना के बाद अब प्राय: हर त्यौहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. ऐसे में छत्तीसगढ़ में बसंत पंचमी में भी इस बार विशेषकर स्कूलों और कॉलेजों में बेहतर ढंग से मनाए जाने की उम्मीद है. राज्य के सीएम भूपेश बघेल हमेशा की छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए जाने जाते हैं. इसके उदाहरण हम कई बार भेंट-मुलाकात कार्यक्रमों में देख चुके हैं.


बसंत पंचमी से वसंत ऋतु की शुरुआत मानी जाती है. सनातन धर्म में मां सरस्वती की उपासना का विशेष महत्व है, क्योंकि मां सरस्वती ज्ञान की देवी हैं और ज्ञान को संसार में सभी चीजों से ऊपर माना गया है. इस आधार पर मां सरस्वती का श्रेष्ठ स्थान है. मान्यता है कि बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की अराधना करने से मां सरस्वती के साथ-साथ मां लक्ष्मी और देवी काली का भी आशीर्वाद मिलता है. 


चूंकि मां सरस्वती को विद्या की देवी माना जाता है ऐसे में बसंत पंचमी पर सभी घरों के अलावा स्कूलों और कॉलेज में विशेष तरह से पूजा-अर्चना और कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.  बसंत पंचमी और पीले रंग का गहरा संबंध है. इस दिन मां सरस्वती की पूजा के दौरान पीले फूल चढ़ाए जाते हैं. वहीं बसंत पंचमी के पीले रंग के कपड़े पहनने का भी विशेष महत्व है. आइए जानते हैं बसंत पंचमी के दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करने के पीछे क्या धार्मिक कारण हैं. 


बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त


पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी यानी माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 25 जनवरी 2023, दोपहर 12.34 बजे से शुरू हो रही है. अगले दिन 26 जनवरी 2023 को सुबह 10. 38 बजे इसका समापन होगा. उदयातिथि के अनुसार बसंत पंचमी 26 जनवरी को मनाई जाएगी. इस दौरान विधि-विधान से मां सरस्वती की पूजा करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होगी और शुभ फल देगी.


बसंत पंचमी पूजा मुहूर्त - सुबह 07:07 - दोपहर 12:35 (26 जनवरी 2023)


बसंत पंचमी पर क्यों पहने जाते हैं पीले वस्त्र


धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता सरस्वती का प्रिय रंग पीला है और पीला रंग जीवन में पॉजिटिविटी, नई किरणों और नई ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है. यही वजह है कि बसंत पंचमी पर पीले रंग के वस्त्र को पहनना शुभ माना जाता है. इसके अलावा मां सरस्वती की पूजा के दौरान बूंदी के लड्डू या बेसन के लड्डू से भोग लगाने पर मां प्रसन्न होती हैं. मां सरस्वती को प्रसंन्न करने के लिए पीले फूल भी चढ़ाए जाते हैं और उनके लिए पीले रंग का आसन भी बिछाया जाता है. 


(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.)


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