Forest Workers on Indefinite Strike in Bastar Division: बस्तर में जंगलों की सुरक्षा भगवान भरोसे है. 12 सूत्रीय मांगों के समर्थन में सभी कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं. वन कर्मियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से तस्करों की चांदी हो गई है. जगंलों में लकड़ी तस्करों की बड़ी तादाद सक्रिय हो चुके है. गौरतलब है कि संभाग के लगभग 1300 वन कर्मी एकसाथ हड़ताल पर चले गए हैं. गर्मी के मौसम में अगलगी की घटना पर काबू पानेवाला कोई नहीं है. वन कर्मचारियों के हड़ताल को 4 दिन बीत गए हैं, मगर कोई सुनवाई नहीं हो पाई है. वन विभाग के अधिकारी भी जंगलों की दुर्दशा की परवाह किए बिना एसी रूम में बैठकर मीटिंग कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग को वनों का द्वीप कहा जाता है.


वन कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से तस्करों की चांदी


बस्तर संभाग में एक से बढ़कर एक बेशुमार कीमती पेड़ है. सागौन, साल, सर्गी, बीज पेड़ की उपयोगी लकड़ी भी शामिल है. वन कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से लकड़ियों की तस्करी भी जोरों पर है. वन कर्मियों ने चेतावनी दी है कि मांगें पूरी होने पर ही हड़ताल वापस ली जाएगी. जंगलों में इन दिनों लकड़ी तस्करों की चांदी हो गई है क्योंकि वन रक्षकों और क्षेत्रपालों की गैर मौजूदगी का लाभ मिल रहा है. जंगल के अंदर अवैध कटाई करने वाले तस्कर सक्रिय हो गए हैं.


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अवैध कटाई और आग पर काबू पाने की नहीं है व्यवस्था


वन अधिकारियों को जानकारी होने के बावजूद किसी तरह की आपातकालीन व्यवस्था नहीं की गई है. बस्तर जिले के दरभा, माचकोट, भानपुरी और बस्तर रेंज के वनों में लकड़ी तस्करों का मनोबल बढ़ा हुआ है. बस्तर के फॉरेस्ट एरिया में कई जगहों पर इन दिनों आग लगी हुई है. आग से आने वाले दिनों में स्थिति और भी बिगड़ सकती है. दरभा फॉरेस्ट एरिया में झीरम घाटी के जंगल की तरफ आग तेजी से फैल रही है. आग बुझाने का वन विभाग की तरफ से कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है. आने वाले समय में बस्तर वन विभाग को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है.


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