(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chhattisgarh: बस्तर में अधूरे पड़े हैं 8 हजार से ज्यादा पीएम आवास, BJP सरकार बनने के बाद लोगों को नए घर की आस
Bastar News: बजट न होने के कारण बस्तर संभाग में 30 हजार पीएम आवास अधूरे पड़े हुए हैं, जिनमें से बस्तर जिले में ही कुछ 8 हजार मकान आते हैं. इसकी वजह से लोगों को ठंड में झोपड़ियों में रहना पड़ रहा है.
Bastar PM Awas: प्रदेश में नई सरकार बनते ही सबसे पहले कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्रदेश में 18 लाख पीएम आवास को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए. इसको लेकर छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के हितग्राहियों में काफी खुशी है. दरअसल, साल 2019 के बाद से ही बस्तर संभाग में हजारों पीएम आवास अधूरे पड़े हुए हैं, जिसके चलते हितग्राहियों को खुली छत के नीचे या फिर झोपड़ियों में रहने पड़ रहा है. कांग्रेस सरकार में कई बार गुहार लगाने के बावजूद भी इन अधूरे पड़े मकानों को पूरा नहीं किया गया. हालांकि अब बीजेपी की सरकार बनने के बाद हितग्राहियों को उम्मीद है कि उनके मकान जल्द पूरे हो सकेंगे.
दरअसल, बजट नहीं होने की वजह से बस्तर संभाग में लगभग 30 हजार मकान अधूरे पड़े हुए हैं, जिसके चलते हितग्राहियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बस्तर जिला पंचायत से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में 8 हजार से ज्यादा मकान अधूरे हैं. इसके अलावा संभाग के 7 जिलों में भी करीब 30 हजार की संख्या में पीएम आवास अधूरे पड़े हैं. हालांकि शासन से निर्देश मिलने के बाद अब अधिकारी जल्द ही इन मकानों को पूरा करने की बात कह रहे हैं
चार साल तक नहीं आई राशि, इस साल पूरे होंगे मकान
जिला पंचायत के सीईओ प्रकाश सर्वे ने जिले के हर पंचायत को बचे हुए आवास को मार्च 2024 तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं. सीईओ ने जनपद पंचायत के अधिकारियों से कहा कि इस काम में अब किसी प्रकार की कोताही और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. जिन हितग्राहियों के आवास पूरे नहीं हुए हैं, उनको जल्द से जल्द पूरा किया जाए. जानकारी के मुताबिक इस आवास योजना में तेजी लाने का फायदा बस्तर जिले के 8252 हितग्राहियों को मिलेगा जबकि संभाग के 7 जिलों में 30 हजार से अधिक हितग्राहियों को इसका फायदा मिलेगा.
सीईओ ने बताया कि साल 2019 से साल 2022 तक की राशि नहीं आई थी. इसलिए यह सभी मकाने अधूरे थे, लेकिन 2023 में अब इस योजना के तहत राशि आने लगी है और अधूरे मकान को पूरा करने का सभी पंचायत में टारगेट दिया गया है. सीईओ ने बताया कि बस्तर जिले में 23063 आवास बनाए जाने थे, जिसमें अब तक केवल 14 हजार 511 ही बन पाए हैं. सबसे ज्यादा बस्तर जिले के बकावंड विकासखंड में 3533 आवास अधूरे हैं.
अधूरे मकान पूरा होने की उम्मीद लगाए बैठे हैं हितग्राही
इधर बस्तर के हितग्राहियों का कहना है कि पीएम आवास योजना 2016 में शुरू की गई थी. आवेदन करते और उनका नंबर आते साल बीत गए. उसके बाद पहली किस्त की राशि मिलने पर मकान शुरू तो हुए लेकिन पिछले 3 साल से उनके मकान पूरी तरह से अधूरे पड़े हुए हैं. कई जगहों में हितग्राही इन अधूरे मकान में तालपतरी लगाकर रहने को मजबूत हो रहे हैं. हितग्राहियों का कहना है कि जिस तरह बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में अधूरे प्रधानमंत्री आवास को पूरा करने का वादा किया है, ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि उनके मकान पूरे हो सकेंगे.
इधर कई गरीब परिवार पीएम आवास मिलने की उम्मीद लगाए बैठे हैं. इन परिवार के लोगों का कहना है कि उन्होंने काफी पहले से पीएम आवास के लिए आवेदन कर रखा है लेकिन बजट नहीं होने की वजह से उनके मकान अब तक शुरू भी नहीं हो पाए हैं. सरकार से उन्होंने मांग की है कि जितने भी गरीब परिवारों ने आवेदन किया है उनको भी पीएम आवास का लाभ मिल सके.