Bastar News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर (Bastar) जिले में खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम के तहत अपर कलेक्टर की कोर्ट ने एक बड़ी कार्यवाही करते हुए बस्तर की सबसे बड़ी निजी दूध कंपनी पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. इसके साथ ही शहर के प्रतिष्ठित जैन स्वीट्स पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. साथ सर्वोत्तम रिफाइंड ऑयल कंपनी पर भी 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.


वहीं ऑयल विक्रेता पर 3 लाख रुपये  का जुर्माना लगाया गया है. दरअसल, जगदलपुर में संचालित बस्तर डेयरी फॉर्म दूध कंपनी के खिलाफ शिकायतकर्ता ने शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में कहा गया था कि दूध में फैट की मात्रा काफी ज्यादा है. अमानक श्रेणी का दूध बेचकर कर लोगों की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है. इसके अलावा जैन स्वीट्स में भी ग्राहकों को खराब रसगुल्ला बेचने की शिकायत मिली थी. खाद्य विभाग की टीम ने छापेमारी की और सैम्पल लेकर लैब टेस्ट में भेजा. यहां जांच में रसगुल्ला अमानक श्रेणी का पाया गया. 


सर्वोत्तम रिफाइंड ऑयल के विक्रेता पर 3 लाख रुपये का जुर्माना
वहीं सर्वोत्तम गोल्ड रिफाइंड ऑयल भी जांच में गुणवत्ता विहीन पाया गया. इन तीनों खाद्य पदार्थों के संस्थानों के खिलाफ अपर कलेक्टर हरेश मंडावी ने अपनी कोर्ट में फैसला सुनाते हुए तीनों के खिलाफ 5-5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.  साथ ही सर्वोत्तम रिफाइंड ऑयल के विक्रेता पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. लाखों रुपये के जुर्माना का बस्तर जिले में यह पहला मामला है. अपर कलेक्टर हरेश मंडावी ने बताया कि 1 साल पहले उनके कोर्ट में इन तीनों संस्थाओं के खिलाफ अलग अलग लोगों ने शिकायत दर्ज कराई थी. इस पर सभी पक्षों को बुलाया गया और मामले की सुनवाई चलती रही. अब इस पूरे मामले में इन तीनों संस्थाओं को दोषी पाते हुए इन पर 5-5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.


अपर कलेक्टर ने संस्थान के मालिकों को दी चेतावनी
हरेश मंडावी ने कहा कि बस्तर डेयरी फार्म के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी. शिकायत में कहा गया था कि शहर के साथ-साथ पूरे जिले में जो दूध सप्लाई की जा रही है, उसमें फैट की मात्रा काफी ज्यादा है. जांच में भी पाया गया कि फैट की मात्रा ज्यादा है, जिससे लोगों की सेहत में बुरा असर पड़ेगा.  इसे देखते हुए डेयरी फार्म पर 5 लाख रुपये जुर्माना लगाने के साथ ही इस तरह की शिकायत दोबारा नहीं मिलने की चेतावनी दी गई है. वहीं साल भर पहले जैन स्वीट्स संस्था के द्वारा  खराब रसगुल्ला बेचा जा रहा था. इसकी भी शिकायत मिलने पर तुरंत खाद्य विभाग की टीम ने दुकान में छापा मारा गया और कार्रवाई की.


इसके बाद रसगुल्ले का सैंपल लिया गया और उसे लैब टेस्ट के लिए भेजा गया. जांच में रसगुल्ला अमानक श्रेणी का पाया गया, जिसके चलते जैन स्वीट्स के खिलाफ भी 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया. वहीं सर्वोत्तम रिफाइंड गोल्ड ऑयल कंपनी भी खराब तेल बेच रही थी. इसे बस्तर के विक्रेता द्वारा शहर और गांव गांव में सप्लाई किया जा रहा था. शिकायत मिलने पर ऑयल  की भी  जांच की गई और यह भी अमानक श्रेणी का पाया गया. इसके चलते सर्वोत्तम गोल्ड रिफाइंड ऑयल कंपनी पर भी 5 लाख रुपये  का जुर्माना और इसके विक्रेता पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया. 


अपर कलेक्टर हरेश मंडावी  ने कहा कि जुर्माना लगाने के साथ संस्थाओं को चेतावनी भी दी गई है. उन्होंने कहा कि अगर शहर में खाद्य पदार्थों को लेकर होटल, रेस्टोरेंट, दुकान या डेयरी फॉर्म के द्वारा लापरवाही बरती जाती है और उनके खिलाफ शिकायत मिलती है, तो कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.


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