Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बस्तर (Bastar) जिले में शासन की महत्वपूर्ण योजना महतारी एक्सप्रेस एम्बुलेंस की सेवा का लाभ गर्भवती महिलाओं को नहीं मिल पा रहा है. इन एंबुलेंस के सभी वाहन चालकों और कर्मचारियों ने अपने पांच सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चित हड़ताल शुरू कर दिया है. इसके चलते इस सेवा का लाभ जरूरतमंद लोगों को नहीं मिल पा रहा है. इससे सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीण अंचलों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं को उठानी पड़ रही है. साथ ही उन्हें अस्पताल आने के लिए पैसे खर्च करके प्राइवेट वाहन किराए पर करना पड़ रहा है.


दरअसल, 102 महतारी एक्सप्रेस सेवा को शासन के द्वारा नई ठेका कंपनी को संचालन के लिए दिए जाने से इसके वाहन चालकों ने विरोध किया है. कर्मचारी इस सेवा को सरकार द्वारा ही संचालन करने की मांग कर रहे हैं. साथ ही नई ठेका कंपनी के द्वारा कई सारे नए नियम बनाए गए हैं, जिसका कर्मचारियों ने विरोध किया है. महतारी एक्सप्रेस सेवा के कर्मचारियों ने नई कंपनी  के माध्यम से की जाने वाली भर्ती का विरोध करते हुए महतारी एक्सप्रेस सेवा को जिले में ठप कर दिया है और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. कर्मचारियों के हड़ताल से जिले में पूरी तरह से महतारी एक्सप्रेस एम्बुलेंस की सेवा बंद हो गई है, जिसके चलते गर्भवती महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.


नई ठेका कंपनी के नियमों का विरोध कर रहे कर्मचारी


इधर महतारी सेवा के प्रभारी ने कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने के बाद किसी तरह की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की है, जिसके चलते कई लोगों को प्राइवेट वाहनों से अस्पताल और अस्पताल से घर जाने को मजबूर होना पड़ रहा है. हड़ताल पर गए कर्मचारियों ने कह दिया है कि, वह अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर डटे रहेंगे. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा 102 महतारी एंबुलेंस संचालन की जिम्मेदारी नई ठेका कंपनी कैंप को दे दी गई है. इसके तहत ठेका कंपनी द्वारा102 महतारी एंबुलेंस सेवा के संचालन के लिए कर्मचारियों की भर्ती के लिए अखबारों के माध्यम से विज्ञापन जारी किया गया है.


ईएमटी के कर्मचारियों ने भी किया विरोध


इस विज्ञापन में 10 साल का अनुभव, पुराने कर्मचारियों को काम पर रखने और बस्तर संभाग के प्रत्येक कर्मचारी से 50 हजार लिए जाने के साथ तीन माह की परीक्षा अवधि पर रखने की बात लिखी गई है. इस परीक्षा अवधि के दौरान संतोषजनक कार्य नहीं होने पर निकाल देने और पैसे भी वापस नहीं देने जैसी शर्तें लागू की गई है. इसके अलावा इन वाहनों में सेवा दे रहे ईएमटी के लिए भी नए नियम लागू किए गए हैं और योग्यता बीएससी नर्सिंग मांगी गई है. ईएमटी कर्मचारियों का कहना है कि पिछले 8 सालों से वे सेवा दे रहे हैं. ऐसे में नई ठेका कंपनी ने अचानक अब बीएससी नर्सिंग की डिग्री मान ली है और जिले में जितने भी कर्मचारी अपनी सेवा दे रहे हैं उनके पास इसकी डिग्री नहीं है. ऐसे में वे सभी बेरोजगार हो जाएंगे, इसलिए इस नियम को हटाने की मांग ईएमटी के कर्मचारियों ने भी की है.


कर्मचारियों रखी की ये मांगे


बस्तर जिले में महतारी एक्सप्रेस एम्बुलेंस में कुल 42 वाहन चालक हैं, जो 24 घंटे अपनी सेवा देते हैं. कर्मचारियों ने कहा कि हम अपनी जान जोखिम में डालकर काम करते हैं, लेकिन अब तक सरकार हमारी मांग को पूरा करने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है. इसके चलते महतारी एक्सप्रेस वाहन चालक और ईएमटी कर्मचारी काफी नाराज हैं. उन्होंने बताया कि अपनी मांगों में मुख्य रूप से नई भर्ती के लिए अखबारों में निकाले गए विज्ञापन को निरस्त किया जाए. साथ ही 10 सालों से उक्त सेवा में कार्य करने वाले अनुभवी कर्मचारियों को ही उनके वर्तमान कार्य स्थल पर वापस सदस्यता दी जाए. इसके अलावा 102 महतारी एक्सप्रेस के कर्मचारियों को दो-तीन माह कार्य कराकर एक माह का वेतन दिया जाता है.


ऐसे में पूर्व माह का भुगतान तुरंत किया जाए और कर्मचारियों को प्रत्येक माह के पहले सप्ताह में वेतन का भुगतान जारी किया जाए. इसके अलावा महतारी एंबुलेंस सेवा में कार्यरत सभी कर्मचारियों को 2018 से 2023 तक का वार्षिक वेतन बढ़ोतरी का लाभ अब तक नहीं दिया जा रहा है, जिसे जल्द ही एरियर के रूप में एक साथ भुगतान किया जाए. वहीं एंबुलेंस कर्मचारी से 8 घंटे काम लिया जाए और अतिरिक्त काम का ओवरटाइम दिया जाए. वही मुख्यमंत्री के वादे अनुसार एंबुलेंस सेवा को ठेका प्रथा से हटाकर सरकार द्वारा खुद इसका संचालन कर 60 साल तक नौकरी की गारंटी दी जाए.



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