बस्तर और कांकेर सीट पर 400 से ज्यादा सरेंडर नक्सलियों ने किया मतदान, साथियों से की भावुक अपील
Chhattisgarh Lok Sabha Chunav 2024: दशकों से नक्सल का दंश झेल रहे बस्तर और कांकेर से माओवाद को खत्म करने की कई पूर्व नक्सलियों ने मांग की है. चुनाव को लेकर नक्सलियों ने मतदाताओं से विशेष अपील की है.
Chhattisgarh Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ के कांकेर लोकसभा सीट से आज दूसरे चरण के मतदान के दिन एक खूबसूरत तस्वीर सामने आई है. इससे पहले कभी लोकतंत्र पर विश्वास नहीं रखने वाले नक्सली आत्मसमर्पण करने के बाद पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए मतदान केंद्रों तक पहुंचे.
मतदान करने के बाद इन्होंने खुशी जाहिर की.कांकेर शहर के आदर्श मतदान केंद्र पर अपने मत का प्रयोग करने पहुंचे तीनों आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों से एबीपी लाइव से खास बातचीत की. इस दौरान आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने बताया कि वह पहली बार मतदान करने पहुंचे हैं और मतदान करने के बाद काफी खुश हैं.
सरेंडर के बाद मिला ये लाभ
दरअसल, माओवादी संगठन में रहकर हमेशा से ही चुनाव का बहिष्कार करते आए थे, माओवादी संगठन में रहते हुए इनका लोकतंत्र पर विश्वास नहीं था, लेकिन सरेंडर करने के बाद उन्हें सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ मिला और पहचान भी मिली. छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण के लोकसभा के दौरान उन्होंने अपने क्षेत्र के लिए मतदान कर लोकतंत्र पर अपना अटूट विश्वास दिखाय.
इन नक्सलियों के सिर था इनाम
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में पुरुष नक्सली सुनील रावघाट डिवीजन कमेटी का सचिव हुआ करता था और इस पर 8 लाख रुपये का ईनाम घोषित था. महिला नक्सली पार्वती 6 सालों से माओवादी संगठन में रावघाट एरिया कमेटी की सदस्य रही और इस पर भी 2 लाख रुपये का इनाम था. इसके अलावा अन्य 2 और नक्सली भी माओवादी संगठन में काफी लंबे समय से सक्रिय थे और सभी ने 2012 में कांकेर पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया.
मतदान के बाद की ये अपील
उसके बाद उन्हें सरकार की ओर से जमीन, नौकरी और घर मिला. इनको आज मतदान करने का मौका भी मिला. इन नक्सलियों ने अपील की है कि माओवादी संगठन में जितने भी स्थानीय नक्सली हैं उन्हें भी सरेंडर कर सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ लेना चाहिए. लोकतंत्र के पर्व में हिस्सा लेना चाहिए.
हिंसा रास्त छोड़कर आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने कहा कि वे कांकेर लोकसभा और देश में ऐसा नेता चाहते हैं, जो पिछले 4 दशकों से नक्सलवाद का दंश झेल रहे बस्तर और कांकेर को नक्सलवाद से मुक्त कर सके और नक्सलवाद का खात्मा कर सके. उन्होंने कहा कि इससे बस्तर में हमेशा शांति, अमन चैन बना रहेगा.
400 से ज्यादा सरेंडर नक्सलियों ने किया मतदान
बस्तर पुलिस विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, बस्तर लोकसभा सीट और कांकेर लोकसभा सीट पर 400 से ज्यादा ऐसे सरेंडर नक्सली हैं, जिन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव में मतदान किया और मतदान करने के बाद लोकतंत्र के इस महापर्व में हिस्सा लेकर खुशी भी जाहिर की.
माओवादी संगठन में रहते इन सरेंडर नक्सलियों ने हमेशा से ही चुनाव का बहिष्कार किया और अंदरूनी इलाकों के ग्रामीणों क्षेत्रों में मतदान करने को लेकर दहशत का माहौल बनाया था, आज यही आत्मसमर्पित नक्सली मतदान लोगों को जागरुक कर बाकायदा मतदान के लिए जादरुकता अभियान चलाकर मतदान करने पहुंचे.
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