Chhattisgarh PDS Scam Busted: केंद्र सरकार के द्वारा गरीब परिवारों को पीडीएस प्रणाली के तहत मुफ्त में चावल देने की योजना बस्तर में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है, पीडीएस दुकान के संचालकों ने करीब साढ़े 3 हजार क्विंटल से अधिक चावल की कालाबजारी की है, जिससे करीब 5 हजार गरीब परिवार मुफ्त चावल लेने से वंचित हो गए, हालांकि खाद्य विभाग इस मामले की जांच के बाद इन दुकान संचालकों से वसूली कर 5 हजार गरीब परिवारों को उनके हक का पूरा राशन देने की बात कही है.
खास बात यह है कि पीडीएस दुकान के संचालकों ने केवल चावल में ही नहीं बल्कि सरकार के द्वारा इन पीडीएस दुकानों में कम कीमत में मिलने वाली गुड़, चना और शक्कर में भी जमकर घोटाला किया है, खाद्य विभाग के अधिकारियों ने जांच के बाद जिले के करीब 40 राशन दुकानों के संचालकों को नोटिस जारी किया है और उनसे भरपाई की रकम वसूली करने की बात कही है.
40 पीडीएस दुकान के संचालकों को हुआ नोटिस जारी
दरअसल खाद्य विभाग के अधिकारियों को लगातार यह शिकायत मिल रही थी कि जिले में अलग-अलग ग्राम पंचायत और शहरी इलाकों में संचालित पीडीएस दुकानों में गरीब परिवारों को मिलने वाली मुफ्त राशन लेने के दौरान संचालको द्वारा यह कहकर लौटा दिया जाता था कि इस बार स्टॉक कम आया है, ऐसा कहकर हितग्राहियों से दस्तखत तो करवा लिए जाते थे, लेकिन उन्हें पूरा राशन नहीं दिया जाता था.
शिकायत मिलने के बाद खाद विभाग के अधिकारियों ने इस पूरे मामले की जांच की और जांच में दुकानों के रिकॉर्ड में बड़ा अंतर देखने को मिला, इसके बाद खाद्य विभाग ने ऐसे दुकानदारों को नोटिस जारी करते हुए राजस्व विभाग को कार्यवाही करने के निर्देश दिये.
शिकायत मिलने पर की जांच शुरू
राशन में गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद खाद्य विभाग ने बीते 10 अप्रैल को इस मामले की जांच शुरू की थी और यह जांच लगभग 31 मई तक चली, 2 महीने की जांच में अधिकारियों ने 40 सरकारी राशन दुकानों में गड़बड़ी पाई और 3300 क्विंटल चावल राशन दुकानों में शॉर्टज मिला, इन दुकानदारों पर करीब 5 हजार की आबादी निर्भर करती है, शॉर्टेज की भरपाई दुकानदारों से करने की बात खाद्य विभाग के अधिकारियों ने कही है, साथ ही यह भी कहा है की भरपाई करने के बाद जो परिवार पूरा राशन लेने से वंचित हो गए उनके हक का पूरा राशन विभाग के द्वारा दिया जाएगा.
'40 दुकानदारों ने की है गड़बड़ी'
बस्तर जिले के खाद्य नियंत्रक घनश्याम सिंह राठौड़ ने कहा कि जिले में 487 पीडीएस दुकान संचालित हो रही है और लगभग सभी दुकानों में जांच में शॉर्टेज पाई गई है, ऐसे में सभी दुकान संचालकों से भरपाई की जाएगी ,उन्होंने बताया कि 40 दुकानदारों ने करीब 15 लाख रुपए के राशन में गड़बड़ी की है, बस्तर में 16 ,जगदलपुर में 10, बकावंड में 1, दरभा में 1 बास्तानार में 2 ,तोकापाल में 4 और लौंहडीगुड़ा में 7 दुकानों में गड़बड़ी मिली है.. इन सभी को नोटिस जारी किया गया है.
धड़ल्ले से चल रहा राशन चावल में कालाबाजारी का खेल
गौरतलब है कि बस्तर जिले में इस समय करीब 2 लाख 5 हजार 967 राशन कार्डधारियों को सरकारी राशन हर महीने दिया जा रहा है, जिले के कई राशन दुकान संचालकों के मनमानी से हितग्राही काफी परेशान भी हैं.
कई जगहों पर दुकान संचालकों के द्वारा केवल दस्तखत लेकर चावल नहीं आने की बात कहकर उन्हें राशन लेने से वंचित कर दिया जा रहा है, और खाली हाथ वापस भेज दिया जा रहा है तो वहीं कुछ जगहों पर महीने के 20 दिन राशन दुकानों में ताला लटकने के साथ 10 दिन में आधा लोगों को ही राशन दिया जा रहा है, इन सबके पीछे बड़ी वजह यह भी है कि पिछले कुछ सालों से खुलेआम सरकारी चावल बिक रहा है.
कालाबाजारी का खेल थमने का नहीं ले रहा नाम
शहर के बाजार में राशन दुकानों का चावल बेचा जा रहा है, जो कुछ बिचौलियों के माध्यम से राइस मिलों तक पहुंच रहा है, लेकिन खाद्य विभाग इस कारोबार में अंकुश लगाने में नाकाम है, कुछ बिचौलिए चावल की खरीदी और बिक्री कर रहे हैं, खास बात यह है की छोटी कार्रवाई के बाद विभाग के जिम्मेदार लोग भी इस मामले में पल्ला झाड़ ले रहे हैं, यही वजह है कि गरीबों को दिए जाने वाले मुफ्त राशन में कालाबाजारी का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है.
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