Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए बस्तर फाइटर्स की तर्ज पर सीआरपीएफ (CRPF) भी बस्तर बटालियन का गठन कर स्थानीय युवाओं की भर्ती कर रहा है, लेकिन यह भर्ती पूरी होने से पहले ही विवादों में आ गई है. दरअसल, बस्तर बटालियन के अभ्यर्थियों ने इस भर्ती प्रक्रिया में धांधली करने का आरोप लगाया है. अभ्यर्थियों ने भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरतने का आरोप लगाया है. इन आरोपों को लेकर अभ्यर्थियों ने सीआरपीएफ के डीआईजी वीके सिंह के हेड क्वार्टर पर भी धरना प्रदर्शन किया और अपनी नाराजगी व्यक्त की है.


अभ्यार्थियों का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया में मेडिकल के लिए चयनित अभ्यर्थियों में कई अभ्यर्थियों ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र और फर्जी दस्तावेज लगाकर इसमें हिस्सा लिया है. अभी अभ्यार्थियों ने होने वाले मेडिकल के लिए चयनित अभ्यर्थियों की सूची की मांग की है. साथ ही चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज की पूरी तरह से जांच करने की भी मांग सीआरपीएफ डीआईजी वीके सिंह से की है.


चयनित अभ्यर्थियों की सूची सार्वजनिक करने की मांग
दरअसल, बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित जिले सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर में सीआरपीएफ के द्वारा बस्तर बटालियन की भर्ती की जा रही है. इस भर्ती में केवल स्थानीय आदिवासी युवाओं को ही प्राथमिकता दी जा रही है. भर्ती को लेकर जबरदस्त उत्साह भी युवाओं में देखने को मिल रहा है, लेकिन इस भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप कुछ अभ्यर्थियों ने लगाया है. युवाओं ने गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए पुलिस लाइन कारली में अपनी नाराजगी भी जाहिर की. इसके साथ ही सीआरपीएफ के डीआईजी वीके सिंह से भर्ती में गड़बड़ी की शिकायत करने उनके हेडक्वार्टर भी पहुंचे और यहां धरना प्रदर्शन भी किया.


अधिकारियों ने सुरक्षा कारणों का दिया हवाला
वहीं युवाओं के साथ समाजसेवी सोनी सोरी भी पहुंची थी. नाराज अभ्यर्थियों की मांग है कि मेडिकल में जितने भी अभ्यर्थी चयनित हुए हैं उन सब के लिस्ट सार्वजनिक किए जाएं. इन अभ्यर्थियों में ऐसे कई अभ्यर्थी शामिल है जिन्होंने फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर चयनित सूची में नम्बर पाया है. साथ ही युवाओं ने चयनित अभ्यर्थियों के पूरे दस्तावेजों की जांच की मांग अधिकारियों से की है. हालांकि, इस संबंध में अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा कारणों से चयनित अभ्यर्थियों की सूची सार्वजनिक नहीं की जा सकती, लेकिन अभ्यर्थी विधिवत तरीके से सूची की मांग कर सकते हैं और उन्हें  उपलब्ध कराया जा सकता है. 


अपनी मांगों पर अड़े रहे अभ्यर्थी
अधिकारियों ने कहा अभ्यर्थियों ने जो भी प्रमाण पत्र लगाया है वह किसी सक्षम अधिकारी द्वारा ही जारी किए गए हैं. ऐसे में स्थानीय प्रशासन इसमें बेहतर बता सकता है. डीआईजी सीआरपीएफ वीके सिंह ने कहा कि यदि किसी अभ्यर्थियों ने फर्जी दस्तावेज लगाया है तो उसकी जानकारी दी जाए जिसकी विधिवत प्रशासन के द्वारा जांच कराई जाएगी और सही पाए जाने पर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया जाएगा. वहीं सूची को सार्वजनिक नहीं करने की बात डीआईजी ने कही है. इधर अभ्यर्थी अपनी मांग को लेकर अड़े हुए हैं और सभी चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं.



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