Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हटने के बाद निगम मंडल और आयोग की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है. सूत्रों के मुताबिक जल्द साय कैबिनेट का विस्तार हो सकता है. निगम मंडल और आयोग में बस्तर संभाग से बीजेपी नेताओं को भी जगह मिलने की उम्मीद है.


नियुक्ति की आस लगाये बैठे दावेदारों को सूची का बेसब्री से इंतजार है. 5 साल के बाद बनी बीजेपी सरकार में पुराने और नए नेता टकटकी लगाए बैठे हैं. निगम मंडल या आयोग की दौड़ में लगे नेता मुख्यमंत्री और कैबिनेट सदस्यों से नजदीकी बढ़ाना शुरू कर दिया है. 


प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से निगम मंडल और आयोग की संभावित सूची की चर्चा तेज है. कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री को जल्द दिल्ली तलब किये जाने की बात कही जा रही है. कयास लगाया जा रहा है कि नगरीय निकाय चुनाव के लिए प्रदेश में आचार संहिता लगने से पहले निगम मंडल और आयोग की सूची जारी कर दी जाएगी. सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव में अच्छा काम करने वाले नेताओं को निगम मंडल या आयोग में मौका मिल सकता है. विधानसभा और लोकसभा चुनाव में गुड परफॉमेंस से बीजेपी आलाकमान को खुश करने वाले कुछ विधायकों को संसदीय सचिव बनाया जा सकता है.


सीएम साय को किया जा सकता है दिल्ली तलब


बस्तर संभाग से दावेदार निगम मंडल और आयोग में जगह पाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. बस्तर से संभावित नामों में मुख्य रूप से पूर्व सांसद दिनेश कश्यप, बीजापुर के पूर्व विधायक महेश गागड़ा, वरिष्ठ बीजेपी नेता श्रीनिवास राव मद्दी, जगदलपुर के पूर्व विधायक संतोष बाफना, सुभाउराम कश्यप, बैदूराम कश्यप, कमलचंद भंजदेव, सुकमा के बीजेपी नेता हूंगाराम मरकाम समेत संसदीय सचिव के लिए चित्रकोट विधायक विनायक गोयल, दंतेवाड़ा विधायक चैतराम अटामी, केशकाल विधायक नीलकंठ टेकाम और कोंडागांव विधायक लता उसेंडी भी शामिल हैं.


निगम मंडल और आयोग में किसे मिलेगी जगह?


अब देखना होगा कि इन नामों में से किसे निगम मंडल और आयोग में जगह मिल सकती है. साथ ही किस विधायक को संसदीय सचिव बनाया जा सकता है. कांग्रेस के कार्यकाल में बस्तर संभाग से 6 कांग्रेसी नेताओं को आयोग और निगम मंडल का अध्यक्ष बनाने के साथ विधायक रेखचन्द और शिशुपाल सोरी को संसदीय सचिव बनाया गया था...


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