Bastar News: आपने बॉलीवुड की मशहूर फिल्म बजरंगी भाईजान तो देखी होगी जिसमें सलमान खान  (Salman Khan) बजरंगबली के भक्त रहते हैं. आज हम आपको छत्तीसगढ़ के बस्तर के बजरंगी भाईजान से मिलवाने जा रहे हैं जो बॉलीवुड मूवी के पहले से ही बजरंगबली के भक्त बनकर उनकी पूजा पाठ करते आ रहे हैं. लगभग 65 साल उम्र के बजरंगी भाईजान कादर खान कोतवाली परिसर में स्थित बजरंगबली मंदिर में सुबह शाम सफाई के साथ भगवान बजरंगबली की पूजा और आरती करते हैं.


नमाज भी अदा करते हैं
इसके बाद वे मस्जिद और दरगाह में जाकर पूजा पाठ करने के बाद नमाज अदा करते हैं. उनका कहना है कि हिंदू, मुसलमान, सिख, ईसाई भले धर्म अलग अलग हैं लेकिन इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म है. भाईचारा और एकता का संदेश देते हुए वे सालों से बजरंगबली की पूजा करने के साथ ही दरगाह में भी पूजा पाठ करते हैं. यही वजह है कि इन्हें बस्तर का बजरंगी भाईजान कहते हैं.


सालों से करते आ रहे मंदिर-मस्जिद में पूजा
जगदलपुर शहर के कोतवाली परिसर में एक हनुमान जी का मंदिर है. किसी थाने में मंदिर का होना कुछ अलग नहीं है, पर इस मंदिर में खास हैं इसके पुजारी. दरअसल इस मंदिर में हर दिन सुबह ठीक 9 बजे आपको एक शख्स झाड़ू लगाता पूजा करता और अगरबत्ती जलाते मिल जाएगा. लगभग 65 साल के इन बुजुर्ग का नाम है मोहम्मद कादर खान. कादर खान सालों से पुलिस लाइन में बने हनुमान मंदिर में पूजा करते आ रहे हैं और अब कोतवाली में 3 साल पहले बने हनुमान जी के नए मंदिर की भी वही देखभाल करते हैं.


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पूजा के सामान की भी व्यवस्था करते हैं
इनकी दिनचर्या सुबह नहा धोकर कोतवाली आना और मंदिर में पूजा करना और इसके बाद शहर के लालबाग के पास मौजूद दरगाह की सेवा करने निकल जाना है. कादर खान ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा हो या चर्च हो सभी स्थान पूजा के ही हैं. किसी को कहीं जाने से कोई रोक टोक नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं मंदिर जाता हूं और आप मजार में मत्था भी टेक सकते हैं. कादर खान इस मंदिर में लगने वाली पूजा सामान की भी पूरी व्यवस्था करते हैं और साथ ही समय-समय पर होने वाले भंडारे में भी अपनी पूरी भूमिका निभाते हैं.


एकता की मिसाल पेश की
उनका कहना है कि आपस में दुश्मनी पालकर करना क्या है. सभी को आपस में मिल जुलकर रहना चाहिए. वहीं शहर वासियों का भी कहना है कि बस्तर के बजरंगी भाईजान मोहम्मद कादर खान एकता की मिसाल पेश करते हैं. उनकी भगवान के प्रति सच्ची श्रद्धा और दरगाह में सेवा बस्तर में अमन चैन और शांति बनाए रखी हुई है. वे हर दिन सुबह-शाम दोनों वक्त मंदिर और दरगाह की पूजा करते हैं.


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पहले करते थे ये काम
दरअसल मोहम्मद कादर खान की शहर में एक छोटी सी साइकिल की दुकान हुआ करती थी जो अब बंद हो गई है. अब यह उनकी दिनचर्या में शामिल है कि वह हर दिन सुबह उठकर कोतवाली के मंदिर पहुंचते हैं और पूजा पाठ कर लालबाग के दरगाह जाते हैं और वहां सेवा करते हैं. शाम को भी यही दोहराते हैं और रात में मंदिर का पट अपने हाथों से बंद कर वह घर लौट जाते हैं.


स्टाफ का क्या कहना है
वहीं कोतवाली के स्टाफ का भी कहना है कादर खान निश्चित समय पर मंदिर पहुंचते हैं और पूजा करते हैं और यह काम सालों से कर रहे हैं. स्टाफ का कहना है कि कादर खान जी को देखकर कभी भी धर्म विशेष जैसी बहाना नहीं आती. जितनी श्रद्धा से वह भगवान हनुमान के सामने जाते हैं उतनी ही शिद्दत से वह दरगाह में भी सेवा करते हैं जो समाज के लिए एक अनुकरणीय मिसाल है.