Chhattisgarh: बस्तर में धर्मांतरण पर मचा सियासी बवाल, बीजेपी और कांग्रेस नेताओं के बीच घमासान जारी
Chhattisgarh News: इस मामले में बीजेपी प्रतिनिधिमंडल ने बस्तर कलेक्टर चंदन कुमार से भी मुलाकात की. पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने कहा कि बस्तर में सामाजिक समरसता पूरी तरह से बिगड़ चुकी है.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बस्तर (Bastar) में धर्मांतरण (Religious Conversion) को लेकर सियासी बवाल भी मचा हुआ है. यहां बीजेपी और कांग्रेस के नेता बढ़ते धर्मांतरण के मामले को लेकर एक दूसरे पर लगातार आरोप लगा रहे हैं. वहीं बीजेपी जिन जगहों पर धर्मांतरण को लेकर विवाद हो रहा है उन जगहों पर बकायदा दौरा भी कर रही है और दो समुदाय के बीच हो रहे हिंसक मारपीट को लेकर कांग्रेस की सरकार को दोषी ठहरा रही है. मंगलवार को भी छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर के नेतृत्व में बीजेपी की 13 सदस्यीय टीम बस्तर जिले के भेजरीपदर गांव पहुंची और यहां मारपीट और पथराव का शिकार हुए मूल धर्म के आदिवासियों से मुलाकात कर घटना की जानकारी ली. साथ ही इस मारपीट में घायल गांव के पुजारी और अन्य दो घायलों से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना. पूर्व गृह मंत्री ननकीराम ने कहा कि बस्तर में धर्मांतरण को लेकर काफी बुरे हालात हैं और मूल धर्म के आदिवासियों से मारपीट किया जा रहा है, लेकिन राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन कार्यवाही ना कर मूक दर्शक बनकर बने हैं.
बीजेपी प्रतिनिधिमंडल ने की ग्रामीणों से मुलाकात
दरअसल सोमवार को भेजरीपदर गांव में विशेष समुदाय की मृत महिला के शव को दफनाने को लेकर दो समुदाय के बीच हिंसक मारपीट हुई थी और इसमें पुलिस के जवान भी घायल हुए थे. इस घटना की जानकारी मिलने के बाद मंगलवार को पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर भी बस्तर पहुंचे और यहां से बीजेपी की 13 सदस्यों की टीम जिसमें पूर्व शिक्षा मंत्री केदार कश्यप, पूर्व सांसद दिनेश कश्यप, पूर्व विधायक संतोष बाफना, पूर्व विधायक बैदुराम कश्यप, पूर्व विधायक लछुराम कश्यप बीजेपी जिला अध्यक्ष रूपसी मंडावी और प्रदेश महामंत्री किरण देव के साथ बीजेपी के सभी नेता भेजरी पदर गांव पहुंचे और यहां मूल धर्म के आदिवासियों से मुलाकात की और घटना की जानकारी लेने के साथ ही विशेष धर्म के लोगों के साथ हुई मूल धर्म के आदिवासियों की हिंसक झड़प में घायल हुए गांव के पुजारी और अन्य दो घायलों से मुलाकात की. इसके बाद ग्रामीणों के बयान लेने के साथ ही पुलिस पर एक तरफा कार्यवाही का आरोप लगाया.
वहीं इस मामले में बीजेपी प्रतिनिधिमंडल ने बस्तर कलेक्टर चंदन कुमार से भी मुलाकात की. पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने कहा कि बस्तर में सामाजिक समरसता पूरी तरह से बिगड़ चुकी है. बस्तर में हो रहे कथित धर्मांतरण पर सरकार का संरक्षण होने का भी आरोप लगाते हुए उन्होंने घटना को लेकर ग्रामीणों के बयान लेने के बाद बीजेपी डेलिगेशन द्वारा बनाई गई रिपोर्ट को प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव को सौंपने की बात कही. साथ ही विधायक होने के नाते सदन में भी इस मुद्दे को उठाए जाने की बात पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने कही.
केदार कश्यप ने क्या कहा
वहीं पूर्व शिक्षा मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि नारायणपुर के बाद अब बस्तर जिले में मूल धर्म के आदिवासी विशेष धर्म के लोगों के साथ मारपीट का शिकार हो रहे हैं, धर्मांतरण का विरोध करने पर कन्वर्ट हो चुके लोग मूल धर्म के आदिवासियों पर जानलेवा हमला कर रहे हैं, लेकिन पुलिस प्रशासन ऐसे लोगों पर कार्यवाही ना कर मूल धर्म के आदिवासियों के ऊपर ही कार्यवाही कर रही है, लेकिन भेजरीपदर मामले में ऐसा होने नहीं दिया जाएगा और राज्य सरकार से दबावपूर्ण मारपीट करने वाले लोगों की गिरफ्तारी और उनके ऊपर कार्यवाही की मांग की जाएगी. केदार कश्यप ने कहा कि राज्य सरकार के छूट के चलते ही बस्तर में धर्मांतरण को बढ़ावा मिल रहा है और बहकावे और लालच में आकर आदिवासी दूसरे धर्म को अपना रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन कानूनी तौर पर इन मामलों पर कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है.
मंत्री लखमा ने लगाया आरोप
वहीं इस मामले को लेकर बस्तर के प्रभारी मंत्री और कोंटा विधानसभा के विधायक कवासी लखमा का कहना है कि बीजेपी के लोग मूल धर्म के आदिवासियों के लिए घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं, जबकि राज्य सरकार की नजर में जिन जगहों पर भी धर्मांतरण के मामले सामने आए हैं उन मामलों पर बाकायदा कार्यवाही की गई है, बीजेपी के लोग ऐसे मामलों को तूल दे रहे हैं और आने वाले चुनाव के लिए उन्हें साधने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा, बीजेपी अपने इस राजनीतिक स्टंट में कभी कामयाब नहीं हो पाएगी.