Bastar News: छत्तीसगढ़ की बेटी ने बढ़ाया मान, इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस में बस्तर की नीलोफर खान को मिला देश में 9वां स्थान
Chhattisgarh News: बस्तर की बेटी ने छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया है. इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस में जगदलपुर शहर की रहने वाली नीलोफर खान ने पूरे देश में 9वां रैंक प्राप्त किया है.
छत्तीसगढ़ के बस्तर की बेटी ने अपने हुनर से एक बार फिर बस्तर के साथ-साथ पूरे छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया है. जगदलपुर शहर की रहने वाली नीलोफर खान यूपीएससी के लिए चयनित हुई हैं और आईईएस (इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस) में पूरे देश में 9वां रैंक प्राप्त किया है. आईएएस की परीक्षा में टॉप 10 में आने वाली नीलोफर खान बस्तर की पहली छात्रा हैं. नीलोफर खान ने अपनी उपलब्धि का श्रय अपने माता-पिता और शिक्षकों को दिया है.
टॉप 10 में बस्तर की पहली छात्रा
खास बात यह है कि बस्तर से आज तक इस प्रतिष्ठित परीक्षा में किसी को यह रैंक नहीं मिली है. बस्तर से आईईएस (इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस) परीक्षा के लिए अब तक 8 से 9 प्रतिभागी सेलेक्ट हुए हैं, लेकिन किसी ने भी अंडर टॉप 10 की रैंक प्राप्त नहीं की है.
नीलोफर खान पूरे बस्तर संभाग की पहली छात्रा है जिसने पूरे देश में 9वां रैंक प्राप्त किया है. नीलोफर खान ने बताया कि वह एक मध्यम परिवार से हैं उनके पिता सीएएफ में प्लाटून कमांडर हैं. वहीं माता एक शिक्षिका हैं. बचपन से लेकर ही पढ़ाई के प्रति काफी जुनून था और कुछ कर दिखाने का सपना था.
उन्होंने तीसरी बार में आईईएस की परीक्षा को क्लियर किया. पहली बार प्री नहीं निकला तो दूसरी बार में प्रि और मेंस क्लियर करने के बाद इंटरव्यू क्लियर नहीं हो पाया. लेकिन तीसरी बार जब रिजल्ट आया तो नीलोफर की सारी मेहनत सफल हो गई, नीलोफर ने अपनी सफलता के पीछे अपने माता और शिक्षकों को श्रय दिया है. नीलोफर खान का कहना है कि उन्होंने अपने पेरेंट्स से सब कुछ शेयर किया.
नीलोफर कहती हैं कि अगर आपके पैरेंट्स आपके बारे में सब कुछ जानते हैं तो वह अच्छा गाइड भी करते हैं. नीलोफर ने कहा कि बस्तर के युवाओं में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, बस उन्हें सही रास्ता दिखाने वाला होना चाहिए.
सफलता हासिल करने के लिए की ऐसे मेहनत
नीलोफर खान ने यह भी बताया कि साल 2019 में 1 साल तक दिल्ली में रहकर कोचिंग करने के बाद वह वापस जगदलपुर आ गई और सेल्फ स्टडी करने लगी, इस दौरान वह सबसे ज्यादा समय जगदलपुर शहर के लाइब्रेरी में बिताती थी. नीलोफर ने कहा कि इस सफलता को पाने के लिए उसने खुद को सबसे अलग कर दिया और जी तोड़ मेहनत की, उन्होंने कहा कि ऐसे एग्जाम को क्लियर करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है, इसलिए उन्होंने अपना पूरा समय स्टडी में दिया और आखिरकार इस उपलब्धि को हासिल कर लिया.
इधर निलोफर खान की उपलब्धि को लेकर माता पिता के साथ है पूरे बस्तर वासियों में खुशी का माहौल है, इस बड़ी उपलब्धि के लिए विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने भी नीलोफर खान का सम्मान करने की बात कही है.
गौरतलब है कि सबसे पिछड़ा क्षेत्र कहे जाने वाले बस्तर में अब युवा अपने हुनर से बड़ी उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं और आईएएस ,आईपीएस के साथ ही आईएफएस और आईईएस जैसे टफ एग्जाम में भी अच्छे रैंक लाकर बस्तर और पूरे छत्तीसगढ़ का नाम रोशन कर रहे हैं.
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