Bastar News: कहते है कि छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर में दो सरकारें चलती हैं. जिसमें एक सरकार लोकतांत्रिक तरीके से चलती है और दूसरी सरकार नक्सलियों के द्वारा उनके गढ़ में चलाई जाती है जिसे नक्सली जनताना सरकार कहते है, जहां नक्सलियों की तूती बोलती है. 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Womens Day)के मौके पर नक्सली संगठन ने भी महिला दिवस मनाया. इस मौके पर नक्सलियों ने बस्तर के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामीण महिलाओं के साथ मिलकर विशाल रैली निकाली.
महिला सशक्तिकरण की वकालत
इस दौरान बड़ी संख्या में महिला नक्सलियों के साथ पुरुष नक्सली भी शामिल थे. महिला दिवस के मौके पर नक्सलियों के नाटय चेतना मंडली ने नृत्य कर इस रैली की अगुवाई की. जानकारी के मुताबिक महिला नक्सली कमांडरों ने महिला दिवस के मौके पर भाषण दिया और महिला सशक्तिकरण की वकालत की. साथ ही नक्सलियों के सीएनएम सदस्यों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया.
नई जिम्मेदारी दी गई
जानकारी के मुताबिक बस्तर में नक्सलियों ने 8 मार्च को छत्तीसगढ़ के कोंटा और तेलंगाना को सीमावर्ती जंगल में बड़ी संख्या में इकट्ठे होकर महिला दिवस मनाया. बताया जा रहा है कि रैली के बाद सैकड़ों की संख्या में पहुंचकर ग्रामीण महिलाओं के साथ सभा का आयोजन किया गया. इसमें महिला नक्सली कमांडो द्वारा जन संघर्ष में ज्यादा से ज्यादा महिलाओं के जोड़ने को कहा गया. इस मौके पर दक्षिण बस्तर डिवीजन कमेटी जैसे नेताओं द्वारा महिला सशक्तिकरण की बात कहते हुए कई महिला नक्सली को नई जिम्मेदारी दी.
मनाए जाने के पर्चे फेंके जाते हैं
इसमें पुलिस के जवानों के साथ हुए मुठभेड़ में मारी गईं महिला नक्सलियों को श्रद्धांजलि दी गयी और सीएनएम के सदस्यों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करने के साथ जोशीले जन गीत गाये गाए. हर साल महिला दिवस के ठीक 1 दिन पहले नक्सली संगठन के द्वारा खासकर महिला संगठन की ओर से जगह-जगह महिला दिवस मनाए जाने के लिए पर्चे फेंके जाते हैं.
पर्चों में क्या कहा
साथ ही नक्सली अपने पर्चों में सरकार को महिला विरोधी बताते हैं. इस बार के भी पर्चे में नक्सलियों लिखा है कि एक तरफ जहां सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश देती है तो वहीं दूसरी और आदिवासी बेटियों पर अत्याचार करने के लिए सीआरपीएफ, कोबरा, डीआरजी जैसे बलों को तैनात किया जाता है.
नक्सल गतिविधियों पर नजर
इधर नक्सलियों द्वारा इतने बड़े आयोजन को लेकर सुकमा एसपी सुनील शर्मा ने कहा कि घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के सीमावर्ती इलाकों में नक्सलियों के द्वारा महिला दिवस मनाने की सूचना पुलिस को मिली थी, जिसके बाद अंदरूनी क्षेत्रो में गश्ती बढ़ाई गई है. हालांकि इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाओं के भी नक्सलियों द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने की जानकारी मिली. ऐसे में ग्रामीणों की सुरक्षा को देखते हुए केवल नक्सली गतिविधियों पर जवानों के द्वारा नजर रखी जा रही है.