Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर (Bastar) में गोंचा महापर्व की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. 75 दिनों तक चलने वाले विश्व प्रसिद्ध दशहरा पर्व के बाद बस्तर में मनाया जाने वाला गोंचा पर्व (Goncha Rath Yatra) दूसरा बड़ा महापर्व (Goncha Mahaparv) है. लगभग 27 दिनों तक चलने वाले इस पर्व में अद्भुत रस्मों की अदायगी की जाती है जिसे देखने सिर्फ प्रदेश से ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों से और विदेशों से भी बड़ी संख्या में पर्यटक बस्तर पहुंचते हैं. 


बनाया जा रहा 25 फिट ऊंचा रथ


वहीं इस पर्व का सबसे आकर्षक और महत्वपूर्ण रस्म रथ यात्रा के लिए रथ बनाने की प्रक्रिया बस्तर के आदिवासी ग्रामीणों ने शुरू कर दी है. जगदलपुर शहर (Jagdalpur City) के सिरहासार भवन में ग्रामीणों के द्वारा लकड़ी से करीब 25 फीट ऊंचा रथ तैयार किया जा रहा है. इस रथ में भगवान जगन्नाथ, माता सुभद्रा और बलभद्र की लकड़ी से बनी प्रतिमा को विराजित कर शहर भ्रमण करवाया जाएगा, जिसे रथयात्रा कहा जाता है.


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सदियों से चली आ रही परंपरा


बस्तर में लगभग 614 सालों से गोंचा महापर्व मनाया जा रहा है. सदियों से चली आ रही इस परंपरा को आज भी बस्तरवासी बड़े धूमधाम से निभाते हैं. परंपरा के अनुसार बस्तर गोंचा पर्व के नए रथ का निर्माण बड़े उमरगांव के आदिवासी कारीगरों द्वारा किया जाता है. इस रथ को करीब 15 दिनों में कारीगरों द्वारा पूरी तरह से तैयार कर लिया जाता है और उसके बाद इसकी साज-सज्जा की जाती है. बस्तर में रियासत काल से ही रथ यात्रा का बड़ा महत्व है. बस्तर के इतिहासकारों के मुताबिक बस्तर के तत्कालीन महाराजा को रथपति की उपाधि जगन्नाथ पुरी के महाराजा द्वारा दी गयी थी, इसलिए बस्तर में गोंचा पर्व के दौरान धूमधाम से रथ यात्रा निकाली जाती है.


एक जुलाई को होगी रथयात्रा


बस्तर गोंचा पर्व  समिति के सदस्य ईश्वर खंबारी ने बताया कि, पर्व की सारी तैयारियां पूरी हो गईं हैं. 30 जून को नेत्रोत्सव पूजा विधान और 1 जुलाई को गोंचा रथ यात्रा पूजा विधान की तैयारी जारी है. गोंचा पर्व विधान में नए रथ सहित तीन रथों पर भगवान जगन्नाथ, माता सुभद्रा और बलभद्र स्वामी के 22 विग्रहों को रथारूढ़ कर शहर में भ्रमण कराया जाएगा और 9 दिनों तक सिरासार भवन (जनकपुरी) में भगवान के सभी विग्रहों को स्थापित किया जाएगा, जहां अद्भुत रस्मों की अदायगी करने के साथ ही देश के कोने कोने से आने वाले श्रद्धालु भगवान के दर्शन कर सकेंगे.


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