Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में पहले से ही स्टाफ और डॉक्टरों की कमी बनी हुई है. वहीं अब डॉक्टरों का प्रमोशन के साथ तबादला हो जाने से अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. बीजेपी ने भी इस तबादले के विरोध में प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है. बीजेपी पदाधिकारियों का कहना है कि डिमरापाल सरकारी अस्पताल में पहले ही संभाग के सातों जिलों का लोड है और काफी लंबे समय से ही चिकित्सकों की कमी बनी हुई है.  ऐसे में अब 8 डॉक्टरों का तबादला करने से  अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. बीजेपी के पूर्व सांसद दिनेश कश्यप ने कहा है कि जिन डॉक्टरों के तबादले के आदेश हुए हैं यदि वे निरस्त नहीं किए जाते हैं तो पार्टी धरने पर बैठेगी और सरकार के इस निर्णय के खिलाफ आंदोलन करेगी.


स्वास्थ्य सुविधा बदहाल-कश्यप
बस्तर के पूर्व सासंद दिनेश कश्यप ने कहा कि, क्षेत्रफल की दृष्टि से बस्तर संभाग काफी बड़ा है, और यहां की गरीब आदिवासी जनता दूसरे बड़े शहरों या फिर पड़ोसी राज्यों के बड़े अस्पतालों में जाकर इलाज करवाने में सक्षम नहीं है. मेडिकल कॉलेज सह डिमरापाल अस्पताल में स्टाफ नर्सो के साथ दर्जनों विशेषज्ञ डॉक्टरों की आवश्यकता है, लेकिन उनकी भर्ती करने की बजाए यहां गिने चुने जो डॉक्टर सेवा दे रहे हैं उनका ही तबादला कर दिया गया है.


सीएम-मंत्री कुर्सी की लड़ाई लड़ रहे-कश्यप
दिनेश कश्यप ने कहा कि एक तरफ जहां बस्तर में पूरी तरह से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है वहीं कोरोना के तीसरी लहर से लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. दूसरी तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री बेफिक्र होकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पाने के लिए आपसी लड़ाई लड़ रहे है. पूर्व सासंद ने कहा कि कुर्सी की लड़ाई के चक्कर में दोनों के बीच तकरार चल रही है और दोनों एक दूसरे की सुनते नहीं हैं.


संविदा कर्मचारियों को वापस रखें-बीजेपी
पूर्व सांसद ने कहा है कि बीजेपी ने मेडिकल कॉलेज डिमरापाल अस्पताल में अतिरिक्त आईसीयू की भी मांग की है, लेकिन अब तक मांग पूरी नहीं हुई है. इस सरकार से बस्तर की जनता को कोई उम्मीद ही नही है. वहीं एक साथ डिमरापाल और महारानी अस्पताल में काम करने वाले सैकड़ों कर्मचारियों को भी प्रशासन ने काम से निकाल दिया है. उनके सामने भी रोजी- रोटी का संकट आ गया है. बीजेपी ने भी सरकार को सभी संविदा कर्मचारियों को वापस नौकरी पर रखने की मांग की है.


अस्पताल में डॉक्टरों की कमी
डिमरापाल अस्पताल  में अलग-अलग विभागों में करीब 115 विशेषज्ञ डॉक्टर होने चाहिए, लेकिन वर्तमान में केवल सिर्फ 65 विशेषज्ञ डॉक्टर ही हैं. ऐसे में यहां अभी 50 विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी बनी हुई है. इस कमी के साथ ही कांकेर और महासमुंद के मेडिकल कॉलेज को चलाने के लिए यहां से विशेषज्ञ डॉक्टरों का तबादला किया जा रहा है. हाल ही में हुए तबादले में 8 डॉक्टरों में 2 को महासमुंद और 6 को कांकेर भेजा गया है. अब अस्पताल में स्टाफ  के साथ साथ स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी भी बनी हुई है.


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