छत्तीसगढ़ के बस्तर में एक स्कूली छात्र ने ऐसे चश्मे का आविष्कार किया है, जिसकी मदद से आये दिन होते सड़क हादसों को रोका जा सकता है. इस चश्मे को पहनकर ड्राइवर वाहन चलाते समय अगर 2 सेकंड से ज्यादा अपनी आंखें बंद रखता है तो गाड़ी के पहिये ही थम जाएंगे और इंजन भी बंद हो जाएगा. इस मॉडल का नाम छात्र ने आई ब्लिंकर सेंसर रखा है. स्कूलों में होने वाले विज्ञान मेला में पहली बार किसी छात्र ने इस तरह का मॉडल बनाया है, जिसको लेकर पूरे जिले भर में छात्र की तारीफ हो रही है. दरअसल जगदलपुर शहर के बस्तर हाई स्कूल में विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है और इसमें संभाग के 3 जिलों कुल 288 बच्चे अपने-अपने मॉडल लेकर इस विज्ञान मेला में पहुंचे हुए हैं.
इस मॉडल में लोगों को सबसे आकर्षित करने वाला एक छोटे से गांव के 11वीं कक्षा के छात्र भुवनेश्वर द्वारा बनाया गया आई ब्लिंकर सेंसर था. इस मॉडल का सिलेक्शन होने के बाद अब इसे राज्य स्तर पर भेजा जाएगा.
इस मॉडल को मिला पहला पुरस्कार
दरअसल जगदलपुर के बस्तर हाई स्कूल में आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी में बस्तर संभाग के 3 जिलों से 288 बच्चे अपने अपने मॉडल लेकर पहुंचे हुए थे. इस मॉडल में 11 वीं कक्षा में पढ़ने वाले बस्तर जिला के डोडरेपाल गांव के निवासी भुवनेश्वर बैद ने आई ब्लिंकर सेंसर इजाद किया है, यह एक तरह का चश्मा है जो गाड़ी के इंजन व पैरों से लिंक होता है. चश्मा आंखों की मूवमेंट को नोटिस करेगा जैसे ही चालक की आंखें बंद होगी 2 सेकेंड के अंदर ही गाड़ी के पहिए थम जाएंगे और इंजन भी बंद हो जाएगा. इसे भुवनेश्वर ने सड़क हादसों को नियंत्रित करने के लिए इजाद किया है.
छात्र भुवनेश्वर का कहना है कि हर दिन अखबारों में टीवी में सिर्फ सड़क हादसे की खबर देखने को मिलती है और अधिकतर सड़क हादसे रात के समय वाहन चालक को झपकी आने से होती है, ऐसे में उसने इस हादसे को रोकने के लिए एक मॉडल तैयार किया और इस मॉडल का नाम आई ब्लिंकर सेंसर रखा. छात्र ने बताया कि उसके द्वारा बनाया गया चश्मा गाड़ी के इंजन में पैरो से लिंक होगा, चश्मा आंखों की मोमेंट को नोटिस करेगा और जैसे ही चालक को वाहन चलाते समय झपकी लगेगी.
गाड़ी के पहिए थम जाएंगे और इंजन भी बंद हो जाएगा, इधर इस तरह का यह पहला आविष्कार है जिसको लेकर छात्र के मॉडल की जमकर तारीफ हो रही है, वहीं इस विज्ञान प्रदर्शनी में भुवनेश्वर बैद के चयनित इस मॉडल को राज्य स्तर पर भेजा जा रहा है. जिसको लेकर छात्र में काफी खुशी है.
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