Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बस्तर (Bastar) में करीब 15 सालों बाद दोबारा शुरू की गई ग्राम सचिवालय को ग्रामीणों का अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है और बड़ी संख्या में ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान भी हो रहा है. दरअसल बस्तर के सुदूर ग्रामीण अंचलों के ग्रामीणों को अपनी हर समस्या के लिए जगदलपुर मुख्यालय पहुंचकर कलेक्ट्रेट के चक्कर लगाने पड़ते थे और इसके लिए समय के साथ-साथ उनके काफी रुपये भी खर्च होते थे. छोटे-छोटे दस्तावेजों के लिए भी उन्हें कलेक्ट्रेट आना पड़ता था, लेकिन अब जिले के लगभग 150 ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय की शुरुआत की गई है. ग्राम सचिवालय में पंचायत के अधिकारियों के साथ संबंधित विभाग के अधिकारियों  और नोडल अधिकारी की ड्यूटी लगाई जा रही है. यहां ग्रामीणों के सरकारी दस्तावेज और हर विभाग से संबंधित छोटी बड़ी समस्या का तुरंत समाधान हो रहा है. छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में शुरू की गई इस पहल से ग्रामीण भी काफी खुश हैं.


बस्तर कलेक्टर चंदन कुमार ने बताया कि, कुछ महीने पहले बस्तर जिले के अंदरूनी क्षेत्रों के साथ सभी 7 विकासखंडों में ग्राम सचिवालय की शुरुआत की गई. इसके तहत पंचायत भवन में ही सचिवालय बनाया गया. सचिवालय में पंचायत अधिकारियों की ड्यूटी लगाने के साथ ही विभिन्न विभाग के मैदानी अधिकारियों की ड्यूटी भी लगाई जा रही है. ग्राम सचिवालय के लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त किये गए है, जिनकी उपस्थिति में ग्रामीण अपने-अपने सरकारी दस्तावेज और योजनाओं के लाभ से वंचित इस तरह की समस्या बताते हैं. अधिकांश समस्याओं का अधिकारी वहीं पर निपटारा करते हैं और जिन कार्यों का निपटारा नहीं हो पाता है उसके लिए खुद अधिकारी ग्रामीणों को उनके काम से संबंधित विभाग की जानकारी देने के साथ ही दस्तावेजों की भी जानकारी देते हैं, जिससे ग्रामीणों का काम आसान हो जाता है.


150 पंचायतों को लाभ
कलेक्टर चंदन कुमार ने बताया कि जिले के लगभग 150 पंचायतों में ग्राम सचिवालय की शुरुआत की गई है. ग्राम सचिवालय में ग्रामीणों की समस्या सुनने और उनके समाधान लिए अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाती है. आने वाले समय में जिले के सभी 350 से अधिक पंचायतों में ग्राम सचिवालय लगे इसकी कोशिश की जा रही है. फिलहाल इस ग्राम सचिवालय के माध्यम से बड़ी संख्या में ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान हो  रहा है.


ग्रामीणों ने क्या कहा
नक्सल प्रभावित दरभा पंचायत के ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें अपने सरकारी दस्तावेज जिसमें जाति प्रमाण पत्र से लेकर, आय प्रमाण पत्र, जमीन का पट्टा, मकान और अन्य सरकारी दस्तावेज और योजनाओं के लाभ लेने के लिए दरभा से जगदलपुर मुख्यालय में स्थित कलेक्ट्रेट के चक्कर काटने पड़ते थे, इसमें उनका पैसा और समय दोनों बरबाद होता था, कई बार उन्हें हर रोज मुख्यालय जाना पड़ता था, जिससे कई ग्रामीण निराश होकर सरकार की योजनाओं का लाभ भी नहीं ले पाते थे और दस्तावेजों को भी सालों तक ऐसे ही छोड़ देते थे. 


ग्रामाणों ने कहा कि, ग्राम सचिवालय से उन्हें काफी फायदा मिल रहा है और उनके पंचायत भवन में ही कई समस्याओं का समाधान हो रहा है और तुरंत सरकारी कामकाज का निपटारा भी हो रहा है. ग्रामीणों ने कहा कि अगर ग्राम सचिवालय बार बार लगे और अधिकारी यहां उपलब्ध होते हैं तो निश्चित तौर पर  ग्रामीणों को काफी राहत मिलेगी और बार-बार उन्हें 50 से 60 किलोमीटर की दूरी तय कर जगदलपुर मुख्यालय में मौजूद कलेक्ट्रेट के चक्कर  नहीं काटने पड़ेंगे.


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