Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में धर्मांतरण के मामले में अब मसीह समाज भी अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतर आया है. क्रिश्चन धर्म अपनाने वाले लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन करने का आरोप लगाया है. उन लोगों ने प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री से कार्यवाही की मांग को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. सोमवार (8 मई) को पूरे बस्तर संभाग के 7 जिलों से पहुंचे मसीह समाज के हजारों लोगों ने शहर के मंडी स्थल में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. शहर में विशाल रैली निकालकर बस्तर के कलेक्टर और कमिश्नर को मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा. मसीहा समाज ने अपने ज्ञापन के माध्यम से सरकार से मदद की गुहार लगाई है. संभाग के अलग-अलग जिलों में धर्मांतरण किये परिवारों के हो रहे मौलिक अधिकारों को सुरक्षित रखने के साथ उन पर हो रही हिंसा पर रोक लगाने की मांग की है.
2 वर्षों से बस्तर का बिगड़ रहा माहौल
मसीह समाज के सदस्य अनिमेष दास ने बताया कि पिछले 2 वर्षों से बस्तर संभाग में क्रिश्चन धर्म अपनाने वाले लोगों पर अत्याचार किया जा रहा है. उनसे बेरहमी से मारपीट करने के साथ अंदरूनी क्षेत्रों में बनाए गए चर्च में तोड़फोड़ की जा रही है. यही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों के मसीह समाज के लोगों को धार्मिक स्थल और पारिवारिक प्रार्थना में अवरोध उत्पन्न किया जा रहा है. इसके अलावा गांव गांव में मसीह समाज के लोगों को सार्वजनिक स्थल पर पेयजल के उपयोग पर रोक लगा दी गई है. यही नहीं मसीह समाज के लोगों के यहां किसी की मृत्यु होने पर शव दफनाने के दौरान भी बाधा उत्पन्न कर परिवार वालो को परेशान किया जा रहा है.
इसके अलावा सामाजिक कार्यक्रम जैसे विवाह और अन्य सामाजिक कार्यक्रम पर गांव-गांव में रोक लगाई जा रही है. इसके अलावा मसीह समाज के लोगों को अपने खेत में खेती करने नहीं दिया जा रहा है. उनके जीवन यापन करने के लिए मजदूरी करने पर भी रोक लगा दी गई है. इस प्रताड़ना से तंग आकर समाज के लोगों को काफी आघात पहुंचा है, जिसको लेकर अपने संवैधानिक मौलिक अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए सोमवार (8 मई) को संभाग भर से हजारों की संख्या में आये मसीह समाज के लोगो ने धरना प्रदर्शन कर जिले कलेक्टर और कमिश्नर को राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है.
प्रलोभन देने का लगा रहे झूठा आरोप
समाज के पदाधिकारियों का कहना है कि धर्मान्तरण को लेकर लगातार बस्तर में माहौल बिगड़ता जा रहा है. धर्म परिवर्तन करने वाले परिवारों के साथ हिंसक मारपीट की जा रही है. जिसको लेकर गांव-गांव में मसीह समाज के लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. समाज के पदाधिकारियों का कहना है कि प्रलोभन देकर क्रिश्चिन समुदाय में मूल आदिवासियों को शामिल करने का झूठा आरोप लगाया जा रहा है. समाज के द्वारा किसी को भी प्रलोभन नहीं दिया जा रहा है. भारत में बने संविधान के तहत लोग स्वेच्छा से क्रिश्चियन धर्म को अपना रहे हैं. लेकिन कुछ लोगों के द्वारा धर्मांतरण करने वालों से मारपीट करने के साथ गांव में उनका हुक्का पानी भी बंद किया जा रहा है. जिसको लेकर समाज के लोगों ने सरकार से सुरक्षा के साथ उनके मौलिक अधिकारों को सुरक्षित रखने की मांग की है.
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