Bastar Collector Action On Residential Encroachment: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के जगदलपुर शहर के जवाहर नगर वार्ड में शासकीय जमीन पर बेजा कब्जा धारियों को ढूंढने के लिए बस्तर कलेक्टर रजत बंसल (Rajat Bansal) अपने दल बल के साथ निकले. दरअसल पिछले कई महीनों से शहर के जवाहर नगर वार्ड में 200 से अधिक परिवारों के द्वारा शासकीय जमीन पर कब्जा कर रहने की शिकायत मिल रही थी, जिसके बाद इनकी वास्तविक पहचान के साथ ही अतिक्रमण किए गए जमीन के सर्वे के लिए संयुक्त सर्वेक्षण टीम इस वार्ड में पहुंची.


इस सर्वे टीम में राजस्व, नगर निगम, वन विभाग और रेलवे के भी अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल थे. इस दौरान इस जमीन पर झोपड़ी और कच्चे मकान बनाकर रह रहे लोगों से बस्तर कलेक्टर ने जरूरी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, राशन कार्ड और प्लांट का खसरा नंबर और मोबाइल नंबर की जानकारी ली. इस पूरे सर्वे के दौरान कलेक्टर ने वहां मौजूद रहकर पूरे जमीन का मुआयना किया.


दो वार्डों में किया गया सर्वे


शहर के जवाहर नगर वार्ड में शासकीय जमीन पर कब्जा किए पूरे इलाके का बस्तर कलेक्टर और उनके सर्वेक्षण की टीम ने मुआयना किया. कलेक्टर ने रहवासियों को कहा कि वे उनके सर्वे काम में उनका सहयोग करें, और किसी भी प्रकार के अफवाह में ना आए. उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण के बाद स्थानीय जनप्रतिनिधियों और संबंधित विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में जरूरी कार्य योजना बनाई जाएगी. दरअसल कलेक्टर के आने की सूचना पर रहवासियों में हड़कंप मच गया था, हालांकि कलेक्टर ने रहवासियों से बातचीत कर उन्हें अपने भरोसे में लिया, और उनके सर्वे काम में मदद करने की बात कही.


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40 परिवारों से की गई थी कमीशनखोरी


जवाहर नगर वार्ड और संजय गांधी वार्ड के रहवासी शासकीय जमीन पर पिछले कई सालों से कब्जा किये हुए हैं. जानकारी के मुताबिक इन्ही रहवासियों में से लगभग 40 गरीब परिवारों से संजय गांधी वार्ड की कांग्रेसी पार्षद कोमल सेना ने पीएम आवास का लाभ दिलाने के नाम पर इनसे 25-25 हजार रुपये कमीशन ले लिए थे और इसके बाद भाजपा ने इस कमीशन खोरी के मामले को लेकर जमकर बवाल मचाया था, जिसके बाद कांग्रेसी पार्षद की गिरफ्तारी भी हो गई. इस मामले के बाद रहवासियों के लिए और मुसीबत खड़ी हो गई. 


शासकीय जमीन पर कब्जा करने पर कर्मचारी और अधिकारियों ने जमीन से इन्हें बेदखल करने की कार्रवाई शुरू की, जिसके बाद कलेक्टर ने खुद इस मामले को संज्ञान में लेते हुए पूरे रहवासियों के सुनवाई के लिए कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई लगाई और सभी वार्ड वासियों की हकीकत जानी और जिसके बाद उन्होंने इन दोनों ही वार्ड के शासकीय जमीन पर बेजा कब्जाधारियों की जानकारी ली और उनसे बातचीत भी की. कलेक्टर ने कहा कि सर्वेक्षण दल द्वारा पूरे जमीन का मुआयना करने के साथ सभी रह वासियों से उनके जरूरी दस्तावेज लिए गए हैं और इसकी जांच भी की जा रही है. जिसके बाद स्थानीय जनप्रतिनिधियों और संबंधित विभाग, जिनकी जमीन हैं उनके अधिकारियों की मौजूदगी में बीच का रास्ता निकाल कर जरूरी कार्य योजना बनाई जाएगी.


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