Chhattisgarh Conversion Case: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर के बाद बस्तर जिले में धर्मांतरण के विरोध में लगातार बवाल मचा हुआ है और गांव-गांव में कर्फ्यू जैसे हालात बन रहे हैं. पिछले कुछ महीनों में ही बस्तर जिले के लौंहडीगुड़ा, डिलमिली, भेजरीपदर और मालगांव में विशेष धर्म के लोगों के शव को दफनाने को लेकर दो समुदाय के बीच जमकर विवाद और मारपीट हुई है. सोमवार को भी जिले के भेजरीपदर गांव में विशेष धर्म की मृत महिला के शव को दफनाने को लेकर दो समुदाय के बीच उपजे विवाद को लेकर भेजरीपदर गांव में कर्फ्यू जैसे हालात बने हुए हैं और बड़ी संख्या में यहां पुलिस बल को तैनात किया गया है.


हालांकि पुलिस अब गांव में माहौल शांत होने की बात कह रही है, लेकिन दोनों ही समुदाय के लोगों ने एक दूसरे के खिलाफ बस्तर एसपी को लिखित में शिकायत की है और मारपीट करने का आरोप लगाया है. विशेष धर्म के लोगों का कहना है कि मूल धर्म के आदिवासियों के हमले से कई लोग लहूलुहान हो गए हैं तो वही मूल धर्म के आदिवासियों का कहना है कि विशेष धर्म के लोगों ने हमारे लोगों पर प्राणघातक हमला किया, जिसमें कुछ लोग घायल भी हुए हैं.


ऐसे में उन लोगों पर हम कार्यवाही की मांग कर रहे हैं, वही बस्तर पुलिस के आला अधिकारियों का कहना है कि दोनों पक्ष से आवेदन ले लिया गया है और इस पूरे मामले की जांच के बाद ही कार्यवाही करने की बात कही है, हालांकि जब तक भेजरीपदर गांव में हालात पूरी तरह से सामान्य नहीं हो जाते तब तक फोर्स की तैनाती रखने की बात कही है.


चार जगह हो चुकी है शव दफनाने को लेकर विवाद


बस्तर में धर्मांतरण के मामले में दो समुदाय के बीच विवाद का मामला तूल पकड़ता जा रहा है, कुछ महीने पहले नारायणपुर जिले में दो समुदाय के बीच खूनी संघर्ष और चर्च में तोड़फोड़ की घटना होने के बाद अब बस्तर में भी शव दफनाने को लेकर गांव गांव में विवाद की स्थिति उत्पन्न हो रही है. कुछ दिन पहले बस्तर जिले के लौंहडीगुड़ा में भी विशेष धर्म के  मृत व्यक्ति के शव को दफनाने के लिए दो समुदाय के बीच जमकर बवाल हुआ था और यहां भी पुलिस को बड़ी संख्या में फोर्स तैनात करनी पड़ी थी.


वहां स्थिति सामान्य होने के बाद बास्तनार ब्लॉक के डिलमिली क्षेत्र में भी इसी तरह एक महिला के शव को गांव के कब्रिस्तान शव दफनाने को लेकर बवाल मचा हुआ था और मालगांव में भी एक महिला के शव को दफनाने को लेकर मूल धर्म के आदिवासियों ने जमकर बवाल मचाया था. 


वहीं सोमवार को भेजरीपदर गांव में भी एक महिला के शव दफनाने को लेकर इस तरह की स्थिति उत्पन्न हुई , और करीब डेढ़ दिन तक महिला का शव सड़क में पड़ा रहा, हालांकि जैसे तैसे पुलिस के हस्तक्षेप के बाद महिला के शव को उसके ही घर के  पीछे वाली जमीन में पुलिस की मदद से दफनाया गया, लेकिन इस दौरान पुलिस के जवान भी विरोध कर रहे ग्रामीणों के पथराव के शिकार हुए और कुछ लोगों को सिर पर गंभीर चोटें भी आई, हालांकि महिला के शव को तो दफना लिया गया लेकिन हालात अभी सामान्य नहीं होने तक फोर्स की तैनाती गांव में की गई है.


साथ ही चर्च की भी सुरक्षा बढ़ाई गई है, इधर घटना के देर शाम मूल धर्म के आदिवासियों ने विशेष धर्म के लोगों पर जानलेवा हमला करने के आरोप में एसपी को लिखित आवेदन दिया है, और कार्यवाही की मांग की है तो वही विशेष धर्म के लोगों ने भी मूल धर्म के आदिवासियों पर मारपीट का आरोप लगाते हुए पुलिस से कार्यवाही करने की मांग की है.


आला अधिकारी ने दी ये बड़ी जानकारी


फिलहाल पुलिस दोनों ही समुदाय के लोगों को समझाने की कोशिश कर रही है और जांच के बाद कार्यवाही का आश्वासन भी दिया है, लेकिन दिन-ब-दिन इस तरह की बढ़ते विवाद को लेकर अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका है, ऐसे में बस्तर में धर्मांतरण को लेकर बवाल मचा हुआ है, इधर बस्तर की एडिशनल एसपी निवेदिता पॉल का कहना है कि गांव में फोर्स तैनात है और पूरे गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है, फिलहाल दोनों ओर से मिले आवेदन के बाद मामले की जांच की जा रही है और जांच के बाद ही इस पर कार्यवाही करने की बात एएसपी ने कही है.


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