विद्युत विभाग आम उपभोक्ताओं द्वारा समय पर बिजली का बिल भुगतान नहीं करने पर तो बेहद सख्त होता है और बिजली कनेक्शन काटने में भी देर नहीं करता. लेकिन बस्तर में स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सरकारी विभागों का बड़ा बकाया विद्युत विभाग के लिए संकट साबित हो रहा है. कार्रवाई के अभाव में इन पर बिजली बिल का भुगतान पेंडिंग होता जा रहा है. आलम यह है कि अब इन विभागों पर हजार नहीं लाख नहीं बल्कि करोड़ों रुपए का बिजली बिल बकाया है. 


वहीं, जनप्रतिनिधियों पर भी लाखों रुपए का बिजली बिल पेंडिंग है. 24 शासकीय विभागों में से 17 विभाग अपने कार्यालय का बिजली बिल समय पर भुगतान करने में सक्षम नहीं हैं. इसमें सबसे खराब स्थिति जगदलपुर नगर निगम की है, जिस पर 8 करोड़ रुपए का बकाया है. विद्युत विभाग के बकायेदारों में नगर निगम के अलावा राजस्व विभाग, पुलिस विभाग, लोक निर्माण विभाग ,आदिम जाति कल्याण विभाग, हाउसिंग बोर्ड और वन विभाग भी शामिल हैं. 


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बिजली विभाग इन पर कार्रवाई  के नाम पर केवल औपचारिक नोटिस देकर शांत हो जाता है. जानकारी के मुताबिक 17 से अधिक शासकीय विभागों के 15 करोड़ रुपये  से अधिक बिजली बिल का बकाया है. वहीं बस्तर के 6 से ज्यादा स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर भी 6 से 7 लाख रुपये  बकाया है. 


विद्युत विभाग के बकायेदारों में सबसे ज्यादा राशि 8 करोड़ रुपये  नगर निगम का है. हालांकि कुछ दिन पहले 3 दिनों के लिए नगर निगम के अंर्तगत आने वाली स्ट्रीट लाइट की बिजली कटौती कर दी गई थी. तीन दिनों तक नगर निगम में बिजली कनेक्शन नहीं था. इसके बावजूद भी नगर निगम अब तक बिजली कनेक्शन का भुगतान नहीं कर पाया है. 


निगम के अलावा  शहर के 17  से ज्यादा शासकीय कार्यालयों में विद्युत विभाग का बकाया है. समय पर भुगतान नहीं करने से विद्युत विभाग को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है. कार्यपालन अभियंता प्रदीप अग्रवाल का कहना है कि इन विभागों को बार-बार नोटिस भेजा गया है. बावजूद इसके अब तक इनके द्वारा बिजली बिल का भुगतान नहीं किया गया है. इसके चलते विभाग और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से विद्युत विभाग को लगभग 15 से 16 करोड़ रुपए वसूले जाने हैं. इसमें सबसे ज्यादा नगर निगम का 8 करोड़ रुपये बकाया है. 


विभागों को आखरी वार्निंग दी गई है. अगर नवंबर माह के अंतिम दिनों तक विभागों के द्वारा भुगतान नहीं किया जाता है तो सीएसईबी के द्वारा कनेक्शन काटने की कार्रवाई की जाएगी. करोड़ों रुपए बकाया होने से विभाग को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इनसे बिजली बिल की राशि वसूलने के लिए पसीने भी छूट रहे हैं.