Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में मरे हुए लोग धान बेचने उपार्जन केंद्र पहुंच रहे हैं. सुनने में जरूर अटपटा लगता होगा लेकिन कड़वा सच है. जिला सहकारी मर्यादित बैंक ने कई वर्षों से किसानों के पंजीयन सूची को अपडेट नहीं कराया है. इसलिए प्रबंधन के पास मौजूद लिस्ट में मरे हुए लोगों का नाम मौजूद है और बकायदा उनका पंजीयन भी जीवित है. विडंबना देखिए कि मृत किसानों के नामों से उपार्जन केंद्रों में धान भी बेचा जा रहा है.


राजस्व विभाग की टीम की जांच में गड़बड़ी का खुलासा हुआ. टीम उपार्जन केंद्रों में जांच करने पहुंची थी. किसानों के पंजीयन की सूची में काफी गड़बड़ी पाई गई. तत्काल प्रभाव से राजस्व विभाग की टीम ने लगभग 3 हजार 745 किसानों का पंजीयन निरस्त कर दिया. टीम ने जांच में पाया कि पंजीयन में कई तरह की गड़बड़ियां हैं. कुछ मृत किसानों के नाम पर भी पंजीयन करवाया गया था और बकायदा इनके नामों से किसान धान भी बेचने आ रहे थे. राजस्व विभाग ने जांच कर पंजीयन को निरस्त कर दिया.


मृत किसानों के नाम पर बेचा जा रहा था धान


छत्तीसगढ़ में 1 नंवबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू हो गई है. सरकार ने किसानों का एक-एक धान खरीदने का वायदा भी कर रखा है. इस बीच जिला सहकारी मर्यादित बैंक प्रबंधन की लापरवाही की वजह से मृत किसानों के नाम पर धान बेचा जा रहा है. अनियमितता कई वर्षों जारी थी.


इस साल राजस्व विभाग की टीम ने पंजीयन में भारी गड़बड़ी पाई. कई मृत किसानों के नाम पर धान बेचने का पंजीयन करवाया गया है. आशंका है कि वर्षों पहले मृत किसानों के पंजीयन पर गलत तरीके से अवैध धान बेचकर मोटी कमाई की गई. कई किसानों के पंजीयन को जिंदा रखा गया. सबंधित अधिकारी अब इस बारे में कुछ भी कहने से कतरा रहे हैं. कई बार देखने में आता है कि किसानों को नियमों की जानकारी नहीं होने का भी खामियाजा भुगतना पड़ता है. 


सबसे ज्यादा कांकेर जिले में मिले फर्जी नाम


राजस्व विभाग की जांच में भारी गड़बड़ी का खुलासा हुआ. लगभग 3 हजार 745 किसानों के पंजीयन निरस्त किए गए. सबसे ज्यादा कांकेर जिले में पंजीयन निरस्तीकरण के मामले सामने आए हैं.  कांकेर में 2541 किसानों का पंजीयन निरस्त हुआ है. दूसरे नंबर बस्तर में 405, कोंडागांव में 257, बीजापुर में 230, नारायणपुर में 39 और सुकमा में 75 पंजीयन निरस्त हुए हैं. जिला सहकारी बैंक के अधिकारियों का कहना है कि किसानों से अपील की गई थी कि पंजीयन के लिए रिकॉर्ड दुरुस्त कराएं. इस वजह से भी कुछ किसानों के पंजीयन निरस्त हुए हैं. फिलहाल अब किसानों के पंजीयन की सूची को पूरी तरह से दुरुस्त कर लेने का वादा अधिकारियों ने किया है.


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