Bastar : नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों की इस जानवर से हो गई दोस्ती
Bastar : ये घटना सुकमा जिले के किस्टाराम कैंप की है, जहां जवानों के साथ तैनात हिरणी की दोस्ती चर्चा का विषय बनी हुई है. वो हर वक्त उन्हीं जवानों के साथ रहती है.
Bastar : आपने इंसान और कुत्ते की गहरी दोस्ती के बारे में खूब सुना और देखा भी होगा, लेकिन छत्तीसगढ़ के बस्तर में इंसान और हिरणी की दोस्ती इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल बस्तर के नक्सल प्रभावित जिलों में नक्सली मोर्चे पर तैनात सुरक्षा बलों का जंगली जानवरों से आमना सामना होते रहता है. लेकिन सुकमा जिले के किस्टाराम कैंप में तैनात जवानों और एक हिरणी की दोस्ती खूब सुर्खियां बटोर रही हैं. इसका एक वीडियो सामने आया है जिसमें जवान इस हिरणी को पकड़ कर अपने साथ ले जा रहे हैं, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. दरसअल जवान जब भी घने जंगलों में गश्ती के लिए निकलते हैं तो हिरणी उनके साथ उनके पीछे-पीछे आ जाती है. बकायदा जवानों के कदम से ताल मिलाकर वह साथ चलती है और गश्ती के बाद बकायदा जवानों के साथ पुलिस कैंप लौट जाती है.
कैम्प को ही बनाया अपना घर
किश्टाराम कैम्प में तैनात जवान ने बताया कि घने जंगलों में गश्ती के दौरान उन्होंने इस हिरणी को देखा था. इसकी उम्र काफी कम थी जिसके बाद जवान इसकी देखभाल करने लगे. हिरणी ने इन जवानों के कैंप को ही अपना घर बना लिया. इसकी जानकारी वन विभाग को भी है लेकिन हिरणी की इन जवानों के साथ इतनी गहरी दोस्ती है कि कई बार जंगलों में छोड़ने के बावजूद वह वापस कैंप आ जाती है. अब आलम यह है कि जब भी कैम्प के जवान गश्ती के लिए जंगलों में निकलते हैं तो बकायदा हिरणी भी उनके पीछे-पीछे गश्ती करती है.
जवान करते है देखभाल
दरअसल किस्टाराम कैंप में तैनात जवानों की इस हिरणी से इतनी गहरी दोस्ती हो गई है कि कैंप में जवान उसके खाने-पीने का पूरा ख्याल रखते हैं. बकायदा हिरणी जवानों के साथ ही अपने दिन भर का समय बिताती है. गश्ती के दौरान सुबह जवानों के साथ ही हिरणी घने जंगलों में निकल जाती है. जवान कहीं थक कर बैठते है तो बकायदा हिरणी भी उनके साथ मौजूद रहती है और जवानों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलती है.
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