Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में बीते 4 साल से संविदा कर्मचारी के रूप में सेवा दे रहे 600 कर्मचारियों को जिला प्रशासन ने काम से निकाल दिया है. ये सभी कर्मचारी जगदलपुर के महारानी अस्पताल और डिमरापाल जिला अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे थे. शनिवार को जिला प्रशासन ने उन्हें काम से बाहर कर दिया. इन सभी 600 कर्मचारियों को डीएमएफटी फंड (जिला खनिज न्यास) के माध्यम से रखा गया था. लेकिन अचानक काम से निकाले जाने से सभी कर्मचारी धरना-प्रदर्शन पर उतर आए हैं. उनका कहना है कि स्वास्थ्य विभाग में निकाली जा रही नई भर्ती में उन्हें प्राथमिकता दी जाए.
अस्पतालों से 600 कर्मचारी निकाले गए
इन कर्मचारियों को 4 साल पहले जिला प्रशासन ने डीएमएफटी फंड के तहत स्वास्थ्य विभाग में नौकरी पर रखा था. ये कर्मचारी महारानी अस्पताल और डीमरापाल जिला अस्पताल में सेवा दे रहे थे. कोरोना काल में भी इन कर्मचारियों ने ड्यूटी की. लेकिन शनिवार को जिला प्रशासन की ओर से जारी फरमान के बाद इनकी रोजी-रोटी छिन गई.
बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पड़े पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है. इसमें नर्स के अलावा टेक्नीशियन और अन्य कर्मचारियों के पद शामिल हैं. ऐसे में पहले से काम कर रहे एक साथ 600 कर्मचारियों को उन्होंने बाहर का रास्ता दिखा दिया है. कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने यह उम्मीद भी की थी कि शासन उन्हें नियमित करेगा लेकिन उल्टा जिला प्रशासन ने उन्हें काम से ही बेदखल कर दिया. उन्होंने मांग की है कि स्वास्थ्य विभाग में जो भर्ती निकल रही है, उसमें सभी 600 कर्मचारियों को पहले प्राथमिकता मिले क्योंकि उन्हें इस काम को लेकर अनुभव होने के साथ ही परमानेंट करने की भी उम्मीद थी.
नौकरी से निकाले जाने के बाद इन कर्मचारियों ने डिमरापाल जिला अस्पताल और महारानी अस्पताल में धरना प्रदर्शन किया. कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें जब तक वापस काम में नहीं लिया जाता और इस भर्ती में प्राथमिकता नहीं दी जाती तब तक वे आंदोलन करते रहेंगे. इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों के आंदोलन पर चले जाने से बस्तर के दोनों अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधा पूरी तरह से चरमरा गई हैं. कई वार्डों में ताला लगा हुआ है तो सभी तरह की जांच भी प्रभावित हुई है. इससे मरीज परेशान हैं.
पहले ही दे दी थी नौकरी जाने की जानकारी
अस्पताल अधीक्षक टीकू सिन्हा का कहना है कि शासन ने नियमानुसार यह कार्रवाई की है. DMFT फंड के तहत कुछ ही सालों के लिए इनसे सेवा लिया जाना था और अब स्वास्थ्य विभाग में भर्ती प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है. ऐसे में इन कर्मचारियों को पहले से ही बता कर निकाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस भर्ती प्रक्रिया में आंदोलन कर रहे सभी कर्मचारी आवेदन कर सकते हैं. इसमें किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं है. उन्होंने अस्पतालों की लचर सुविधा को जल्द ही दुरुस्त कर लिया जाएगा.
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