Bastar District: छत्तीसगढ़ का पर्यटन हब है बस्तर, वाटरफॉल्स के लिए मशहूर, जानिए खासियत
Bastar District History: छत्तीसगढ़ का बस्तर पर्यटन हब है. 12 महीनों बस्तर के पर्यटन स्थल पर्यटकों से गुलजार रहते हैं. बस्तर पहुंचने के लिए रेल मार्ग, हवाई मार्ग और सड़क मार्ग से भी सुविधा उपलब्ध है.
Bastar District History: छत्तीसगढ़ का बस्तर प्राकृतिक सुंदरता और संस्कृति के लिए देशभर में मशहूर है. बस्तर की हसीन वादियां और मनमोहक सुंदरता बेहद अद्भुत है. आदिवासी संस्कृति और सैकड़ों साल की सभ्यता को समेटे बस्तर छत्तीसगढ़ में पर्यटन हब के नाम से जाना जाता है. चारों ओर पहाड़ से घिरे बस्तर में खूबसूरत वाटरफॉल्स, ऐतिहासिक मंदिर और दूर-दूर तक फैले घने जंगल आकर्षण का केंद्र हैं. यही वजह है कि हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक छत्तीसगढ़ के बस्तर घूमने आते हैं. 12 महीनों बस्तर के पर्यटन स्थल पर्यटकों से गुलजार रहते हैं.
8 से ज्यादा मशहूर हैं वॉटरफॉल्स
बस्तर के कई टूरिज्म स्पॉट है देश भर में अलग पहचान बना चुके हैं. 8 से अधिक वॉटरफॉल्स पर्यटकों के मुख्य आकर्षण का केंद्र होती है और नजारा करने देश-विदेश से लोग बस्तर आते हैं. जगदलपुर के चित्रकोट वाटरफॉल को भारत का नियाग्रा भी कहा जाता है. तीरथगढ़ वॉटरफॉल, चित्रधारा, कांगेर जलधारा, बिजाकसा, तीरथा और मेंद्रीघूमर के साथ ही हांदावाड़ा वाटरफॉल भी प्राकृतिक सौंदर्यता के लिए जाना जाता है. इन सभी वाटरफॉल्स की दूरी जगदलपुर शहर से महज 50 से 60 किलोमीटर है. पर्यटक निजी वाहनों के जरिए भी इन वाटरफॉल्स तक आसानी से पहुंच सकते हैं.
वॉटरफॉल्स के अलावा बस्तर में हजारों साल पुरानी गुफाओं में कैलाश गुफा, कुटुमसर गुफा, दंडक गुफ़ा, मांदरकोंटा गुफा, हरि गुफा और झूमर गुफा हैं. कुछ गुफाओं के अंदर अंधी मछली भी पाई जाती है. अंधी मछली पर्यटकों को बरबस अपनी ओर खींच लेती है. बस्तर के कांगेर वैली नेशनल पार्क में वन्यजीवों से लेकर पक्षियों की 200 प्रजातियां भी पाई जाती हैं. इंसानों की बोली की नकल करने वाली मैना पक्षी का भी बस्तर के कांगेर वैली नेशनल पार्क में ही बसेरा है.
पर्यटकों के लिए होम स्टे की सुविधा
बस्तर घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए राज्य सरकार ने सर्किट हाउस और रिसॉर्ट भी बनाया है. पर्यटक सर्किट हाउस और रिसॉर्ट में रुक कर बस्तर के खूबसूरत वाटरफॉल, गुफाएं और घने जंगल, ऐतिहासिक मंदिर और एडवेंचर्स का लुत्फ उठा सकते हैं. इसके अलावा बड़ी संख्या में निजी रिसोर्ट भी बनाए गए हैं. पिछले 1 साल से बस्तर की संस्कृति सभ्यता और कल्चर से पर्यटकों को रूबरू कराने के लिए ग्रामीण अंचलों में होम स्टे की शुरुआत की गई है. पर्यटक झोपड़ीनुमा (हर्ट) में रहकर बस्तर के स्वादिष्ट व्यंजन, वेशभूषा और आदिवासी कल्चर का लुत्फ उठा सकते हैं. होम स्टे में ठहरनेवाले पर्यटक जमकर तारीफ भी कर रहे हैं.
बस्तर में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध और पर्यटको को लुभाने वाली दो फेमस वॉटरफॉल्स हैं,इन खूबसूरत वाटरफॉल्स को देखने पहुंचने वाले लोगों का मन मोह लेती है, करीब 100 फीट ऊंचाई से गिरता चित्रकोट वॉटरफॉल मुख्य आकर्षण का केंद्र होती है, साथ ही तीरथगढ़ वॉटरफॉल्स भी पौराणिक कथाओं से जुड़ा हुआ है, और छत्तीसगढ़ में सबसे ऊंचा वाटरफॉल होने की वजह से यहां पर्यटक सबसे पहले इसे देखने पहुंचते है...
प्राचीन मंदिरों से जाना जाता है बस्तर
टूरिज्म स्पॉट के साथ-साथ बस्तर में कई ऐतिहासिक और पौराणिक प्राचीन मंदिर भी हैं. बस्तर राजपरिवार का राजमहल भी पर्यटको के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र होता है. हजारों साल से बस्तर के आदिवासी शिव की उपासना करते आ रहे हैं. इस वजह से बस्तर में भगवान शिव के अनेक प्राचीन मंदिर हैं. सावन और शिवरात्रि के मौके पर प्राचीन मंदिरों में मेला का आयोजन होता है और पर्यटक बड़ी संख्या में पहुंचते हैं. भगवान राम के साथ साथ बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी का दर्शन करने भी देशभर से श्रद्धालु पहुंचते हैं.
बस्तर पहुंचने के लिए क्या है सुविधा?
दंतेवाड़ा 52 शक्तिपीठों में से एक होने के कारण हर साल दशहरे पर दंतेश्वरी मंदिर में हजारों भक्तों का तांता लगता है और खासकर नवरात्रि के समय विश्व प्रसिद्ध बस्तर में दशहरा पर्व का आयोजन होता है. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से बस्तर पहुंचने के लिए हवाई सेवा भी शुरू कर दी गई है. इसके अलावा निजी वाहन, यात्री बसों और ट्रेन से भी पहुंचा जा सकता है. राज्य सरकार ने पर्यटकों के ठहरने से लेकर स्थानीय व्यंजन की भी पूरी व्यवस्था की है. बस्तर में पर्यटकों का आगमन साल के 12 महीने होता है.