पीडिया मुठभेड़ के विरोध में बंद का व्यापक असर, बस्तर संभाग में कारोबार ठप, सड़कों पर भी सन्नाटा
Bastar Bandh Update: आदिवासी समाज का मानना है कि मुठभेड़ के दौरान निर्दोष ग्रामीणों को नक्सली बताकर मारा गया है. बस्तर चैंबर ऑफ कॉमर्स ने भी बंद के समर्थन में पत्र जारी किया है.
Chhattisgarh Pedia Naxal Encounter Protest: पीडिया मुठभेड़ के विरोध में एक दिवसीय बंद का व्यापक असर देखने को मिल रहा है. बस्तर संभाग में व्यापारियों ने दुकानें नहीं खोलीं. यात्री बसों के पहिये भी थम गये. सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है.
सर्व आदिवासी समाज ने बीजापुर के पीडिया में पुलिस- नक्सली मुठभेड़ की जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर एक दिवसीय बंद बुलाया है. बंद को कांग्रेस और बस्तर चैंबर ऑफ कॉमर्स ने भी समर्थन दिया है. मामले में राज्य सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि मारे गए सभी लोग नक्सली थे.
आदिवासी समाज का मानना है कि मुठभेड़ के दौरान निर्दोष ग्रामीणों को नक्सली बताकर मारा गया है. आदिवासी समाज ने पारंपरिक हथियारों के साथ ग्रामीणों को विरोध प्रदर्शन में साथ देने का आह्वान किया है. बस्तर चैंबर ऑफ कॉमर्स ने भी बंद के समर्थन में पत्र जारी किया है. सर्व आदिवासी समाज के संभागीय अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर का कहना है कि 10 मई को मुठभेड़ की जांच के लिए आदिवासियों की 58 सदस्यीय टीम ने घटनास्थल का मुआयना किया था. मारे गए कथित नक्सलियों के परिजनों से भी मुलाकात की. ग्रामीणों से भी मुठभेड़ की जानकारी जुटाई. टीम ने जांच में पाया कि जवानों ने नक्सली बताकर तेंदूपत्ता तोड़ने गए ग्रामीणों की गोली मारकर हत्या कर दी.
पीडिया मुठभेड़ के विरोध में बंद का व्यापक असर
मामले में सर्व आदिवासी समाज ने न्यायिक जांच की मांग राज्य सरकार से कर रही है. प्रकाश ठाकुर ने कहा कि फर्जी मुठभेड़ की जांच और दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि न्यायिक जांच नहीं होने पर 7 जून से सर्व आदिवासी समाज लगातार धरना प्रदर्शन और आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा. गौरतलब है कि सर्व आदिवासी समाज ने बीजापुर जिले की मासूम मंगली की गोली से हुई मौत और हसदेव के जंगलों की कटाई के विरोध में भी 23 जनवरी 2024 को बंद का आह्वान किया था. बंद को पूरे संभाग में व्यापक समर्थन मिला था.