Chhattisgarh News: भले ही कोरोना काल देश के कई राज्यों में पूरी तरह से खत्म हो गया हो, लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर में आज भी रेल प्रशासन के लिए कोरोना काल चल रहा है. यही वजह है कि कोरोना काल से बंद हुई दुर्ग इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन को अब तक बस्तर से दोबारा शुरू नहीं किया जा सका है. वहीं राजधानी रायपुर से जगदलपुर रावघाट रेल लाइन का काम दोबारा शुरू नहीं हो सका है, जिसके चलते बस्तरवासियों को बार-बार आंदोलन कर रेल प्रशासन को जगाना पड़ रहा है.
दरअसल, शनिवार को भी हजारों की संख्या में बस्तरवासियों ने बंद पड़े यात्री ट्रेनों को दोबारा शुरू करने और रावघाट रेल लाइन के काम को पूरा करने की मांग को लेकर बस्तर के रेलवे स्टेशन पर धरना प्रदर्शन किया. साथ ही केंद्रीय रेल मंत्री के नाम रेलवे के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा. रेल सुविधाओं की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे बस्तरवासियों का कहना है कि केंद्र सरकार को बस्तर के खनिज संपदा से हर साल अरबों खरबों रुपये की कमाई होती है. इसके बावजूद बस्तरवासी रेल सुविधाओं के लिए उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं. देश में कोरोना काल खत्म हो गया है, लेकिन रेल प्रशासन के कागजों में बस्तर के लिए ही कोरोना काल आज भी जिंदा है.
रेल सुविधाओं को लेकर सालों से हो रहे उपेक्षा का शिकार
यही वजह है कि कोविड काल से बंद पड़े पैसेंजर ट्रेनों को अब तक दोबारा शुरू नहीं किया गया है. इसके अलावा राजधानी रायपुर को जगदलपुर तक रेल मार्ग से जोड़ने के लिए पिछले 6 दशकों से की जा रही मांग को भी अनदेखा किया जा रहा है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा प्रवास के दौरान 9 मई 2015 को रावघाट रेल लाइन को शुरू करने के लिए एनएमडीसी और सेल कंपनी से एमओयू साइन किया था. वहीं यह रेल लाइन 2022 दिसंबर महीने तक तक पूरी तरह से बन जानी थी, लेकिन बस्तर रेलवे प्राइवेट लिमिटेड ने रेल लाइन को राजधानी रायपुर से रावघाट तक ही बना कर छोड़ दिया है. क्योंकि रावघाट से केंद्र सरकार को बैलाडीला के पहाड़ियों से ज्यादा रावघाट के पहाड़ियों से आयरन प्राप्त हो रहा है.
विरोध में 160 किलो मीटर की थी पदयात्रा
इस वजह से रायपुर से रावघाट तक ही रेल लाइन को बिछाया गया है, जिसके बाद अब तक जगदलपुर के लिए एक इंच का भी काम आगे नहीं बढ़ाया गया है. इसके साथ ही बस्तर रेलवे प्राइवेट लिमिटेड ने भी आगे काम करने से मना कर दिया है. कुल मिलाकर जगदलपुर तक रेल लाइन बिछेगी इसकी उम्मीद बस्तरवासियों के लिए केवल उम्मीद बनकर रह गई है. इससे पहले भी रेल आंदोलनकारियों ने राज्य और केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षण करने के लिए रावघाट के अंतागढ़ से जगदलपुर तक करीब 160 किलो मीटर की पदयात्रा की थी. साथ ही रेल मंत्रालय को ज्ञापन सौंपकर रावघाट रेल लाइन को जल्द से जल्द दोबारा शुरू करने की मांग की थी. इसके बावजूद इतने साल बीतने के बाद भी अब तक रावघाट रेल लाइन का काम आगे नहीं बढ़ाया जा रहा है.
अनिश्चितकालीन रेल रोको आंदोलन की चेतावनी
इस वजह से बस्तर वासियों में केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय के रवैये के प्रति काफी नाराजगी है. रेल आंदोलनकारियों ने केंद्रीय रेल मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर आने वाले दो सालों में 2024 तक रावघाट रेल लाइन को जगदलपुर तक पूरा करने की मांग की है. साथ ही जल्द से जल्द जगदलपुर को राजधानी रायपुर से इस रेल लाइन के माध्यम से जोड़ने की मांग की है. वहीं अगर मांग पूरी नहीं होती है तो एक बार फिर से अनिश्चितकालीन रेल रोको आंदोलन करने की चेतावनी दी है. शनिवार को हुए इस रेल आंदोलन में हजारों की संख्या में बस्तर वासियों ने रेलवे स्टेशन परिसर में धरना प्रदर्शन किया, जिसमें सभी वर्ग के लोग शामिल हुए.