Bastar Dussehra: देश में 75 दिनों तक मनाए जाने वाले विश्व प्रसिद्ध बस्तर (Bastar)दशहरा (Dussehra) पर्व की बैठक गुरुवार को जिला कलेक्टर कार्यालय में संपन्न हुई. इस बैठक में वर्चुअल रूप से बस्तर के सांसद और दशहरा समिति के अध्यक्ष दीपक बैज (Deepak Baij) शामिल हुए. साथ ही बैठक में इस समिति के सदस्य विधायक रेखचंद जैन, चित्रकोट विधायक राजमन बेंजाम, नारायणपुर विधायक चंदन कश्यप, समिति के प्रमुख माझी, चालाकी मेम्बरीन और जिला प्रशासन के सभी बड़े अधिकारी मौजूद रहे. हर साल की तरह इस साल भी विश्व प्रसिद्ध दशहरा पर्व को धूमधाम से मनाने के लिए कई फैसले लिए गए. साथ ही इस बार दशहरा पर्व का बजट भी बढ़ाया गया है. इस साल इस पर्व में सारे खर्चों को मिलाकर एक करोड़ 10 लाख रुपये का बजट बनाया गया है.


दरअसल, विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा 75 दिनों तक मनाया जाने वाला देश का सबसे बड़ा पर्व है. इस पर्व में 12 से अधिक अनोखी और अद्भुत रस्में निभाई जाती हैं. जो केवल बस्तर में ही देखने को मिलती हैं. वहीं इस साल इस पर्व को धूमधाम से  मनाने के लिए प्रशासन अभी से तैयारी में जुट गया है.  इसी कड़ी में गुरुवार को जिला कलेक्टर कार्यालय में दशहरा समिति की बैठक संपन्न हुई. इस बैठक में बस्तर के सभी विधायकों के साथ इस पर्व के प्रमुख माझी, चालकी मेम्बरीन, प्रशासन के सभी बड़े अधिकारी शामिल हुए. वहीं बस्तर के सांसद और दशहरा समिति के अध्यक्ष दीपक बैज इस बैठक में वर्चुअल रूप से जुड़े.


दीपक बैज ने क्या कहा
लगभग डेढ़ घंटे तक चली इस बैठक में इस पर्व को धूमधाम से मनाने के लिए कई मुद्दों पर चर्चा की गई. साथ ही बैठक में पिछले दशहरा पर्व में व्यापारियों की बकाया राशि को भी चुकाने को लेकर फैसले लिए गए हैं. इस साल बस्तर दशहरा पर्व के लिए एक करोड़ 10 लाख रुपएये का बजट बनाया गया है. बस्तर सांसद ने पुराना बकाया राशि को भी चुकाने के लिए शासन से बजट बढ़ाने की मांग रखने की बात कही है. साथ ही इस साल पर्व के बजट के लिए डेढ़ करोड़ रुपये देने की मांग मुख्यमंत्री से करने की बात भी कही है. उन्होंने कहा कि हर साल के भांति इस साल भी इस पर्व को धूमधाम से मनाने के लिए इसके बजट में कमी ना हो यही प्रयास किया जाएगा.


पर्यटकों के आने की है उमीद
वहीं बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम ने कहा कि पर्व की शुरुआत हो गई है. इस पर्व की एक रस्म पाटजात्रा भी निभाई जा चुकी है. वहीं कोरोनाकाल के बाद इस साल इस पर्व में शामिल होने के लिए लोगों और पर्यटकों की भीड़ आने की उम्मीद है. इस वजह से प्रशासन के द्वारा सुरक्षा के साथ-साथ पर्यटकों के लिए सारे इंतजाम किए जा रहे हैं. इसके अलावा दशहरा पर्व के रस्मों को निभाने में किसी तरह की कोई परेशानी ना हो, इसके लिए कुछ नए फैसले भी लिए गए हैं. इधर विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस पर्व को स्थानीय जनप्रतिनिधियों के द्वारा धूमधाम से मनाने के लिए सभी तरह के सहयोग करने की बात कही गई है. हालांकि दशहरा पर्व समिति के प्रमुख मांझीयों  ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है.


उनका कहना है कि मुख्यमंत्री ने मांझियों के मानदेय को 3000 से बढ़ाकर 7000 करने की घोषणा कर दी है, लेकिन बढ़ी हुई राशि उन्हें नहीं मिल रही है. मांझियों ने कहा कि विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लगने से पहले उनकी  बढ़ी हुई मानदेय राशि दी जाए. हालांकि मांझियों की इस मांग पर अध्यक्ष दीपक बैज का कहना है कि इसके लिए मुख्यमंत्री से चर्चा की जा रही है और जल्द ही इसमें फैसला भी लिया जाएगा. वहीं इस दशहरा समिति पर्व में सर्वसम्मति से इस बार मंगलू मांझी को बस्तर दशहरा समिति का उपाध्यक्ष बनाया गया है.