Chhattisgarh News: विश्व प्रसिद्ध बस्तर (Bastar) दशहरा पर्व में मुख्य आकर्षण का केंद्र दो मंजिला रथ परिक्रमा का शुभारंभ हो चुका है. इस रस्म में बस्तर के आदिवासियों द्वारा हाथों से ही पारंपरिक औजारों द्वारा बनाये गये विशालकाय रथ की शहर में परिक्रमा कराई जाती है. करीब 50 फीट ऊंची और कई टन वजनी इस रथ की परिक्रमा के लिए इसे खींचने सैंकड़ों आदिवासी स्वेच्छा से गांव-गांव से पहुंचते हैं. रथ परिक्रमा के दौरान रथ पर माईं दंतेश्वरी की डोली और छत्र को विराजमान कराया जाता है. 


महाराजा पुरषोत्तम ने शुरू की पंरम्परा
दरअसल बस्तर दशहरा कि इस अद्भुत रस्म कि शुरुआत 1410 ईसवीं में तात्कालिक महाराजा पुरषोत्तम देव के द्वारा की गई थी. बस्तर के महाराजा पुरषोत्तम ने जगन्नाथ पूरी जाकर रथपति की उपाधि प्राप्त की थी. इसके बाद से अब तक यह परम्परा अनवरत इसी तरह चली आ रही है. दशहरे के दौरान देश में इकलौती इस तरह की परंपरा को देखने हर साल हजारों की संख्या मे लोग बस्तर पहुंचते हैं.


1400 ई. से हो रही रथ परिक्रमा
बस्तर के इतिहासकारों  के मुताबिक 1400 ईसवीं में राजा पुरषोत्तम देव द्वारा आरंभ की गई रथ परिक्रमा की इस रस्म को 800 सालों बाद आज भी बस्तरवासी उसी उत्साह के साथ निभाते आ रहे हैं. नवरात्रि के दूसरे दिन से सप्तमी तक मांई जी की सवारी (डोली छत्र ) को  परिक्रमा लगवाने वाले इस रथ को फुल रथ के नाम से जाना जाता है. मांई दंतेश्वरी के मंदिर से मांईजी के छत्र और डोली को रथ तक लाया जाता है. इसके बाद बस्तर पुलिस के जवानों द्वारा बंदूक से सलामी देकर इस रथ की परिक्रमा का आगाज किया जाता है.


इस दौर में भी रस्मों में कोई बदलाव नहीं
बस्तर में दशहरा पर्व की यह पंरपरा सैंकड़ों सालों से चली आ रही है. हर साल इस पर्व को लेकर लोगों में भी काफी उत्साह देखा जाता है. बस्तरवासियों के साथ-साथ देश के कोने-कोने से लोग इस दशहरा पर्व खासकर रथ परिक्रमा का लुत्फ उठाने बस्तर पहुंचते हैं.  लगभग 50 फीट ऊंची और कई टन वजनी इस रथ को सैंकड़ों आदिवासी मिलकर खींचते हैं. इसे मांई दंतेश्वरी के प्रति आदिसावियों की आस्था ही कहेंगे कि लगभग 800 साल पुरानी इस परम्परा में इस आधुनिकरण के दौर में भी कोई बदलाव नहीं आया है.




ये भी पढ़ें-



Chhattisgarh News: ऑनलाइन सट्टे के कारोबार को लेकर सख्त हुई छत्तीसगढ़ सरकार, सीएम बघेल ने डीजीपी को दिए ये निर्देश


Raipur Sky Walk: BJP सरकार में बने स्काई वॉक में कांग्रेस ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप, पूर्व मंत्री ने कहा- 'दम है तो जांच करा लें'