Naxal Print Fake Currency: छत्तीसगढ़ में माओवादी संगठन पिछले कुछ सालों से पुलिस के बढ़ते दबाव के चलते और अंदरूनी इलाकों में 80 से ज्यादा पुलिस कैंप खुलने से वसूली नहीं कर पा रहे है. जिसकी वजह से आर्थिक रूप से कमजोर हो रहे है, साथ ही बस्तर पुलिस के द्वारा नक्सलियों के शहरी नेटवर्क को भी ध्वस्त करने से नक्सलियों तक हथियारों की सप्लाई भी कम हो गई है.



इसका नतीजा है कि नक्सली नकली नोट छाप रहे हैं, हाल ही में सुकमा पुलिस ने इसका खुलासा किया है, नक्सलियों के अस्थाई कैंप में जवानों के द्वारा दबिश देने पर यहां से नकली नोट छापने की प्रिंटर, बड़ी मात्रा में स्याही व 100, 200 और 500 रुपये के नकली नोट की कॉपी भी जवानों ने बरामद किया है. सुरक्षा एजेंसियों के द्वारा माना जा रहा है कि नक्सली भविष्य में इस तरह से नकली नोट बनाने के फिराक में थे और ट्रायल बेस में प्रिंटर के माध्यम से 100, 200 और 500 के नकली नोट निकाल रहे थे.

हालांकि इसका खुलासा होने के बाद बस्तर में काम कर रही सभी सुरक्षा एजेंसी पूरी तरह से सतर्क हो गई है ,साथ ही नकली नोट को लेकर जांच पड़ताल भी कर रही है, पुलिस के आला अधिकारियों का मानना है कि आर्थिक रूप से कमजोर पड़े नक्सली भविष्य में इस तरह से नकली नोट बनाकर इसे मार्केट में खपाने के फिराक में रह सकते हैं, इसलिए पुलिस पहले से ही सतर्कता बरत रही है.

आर्थिक रूप से कमजोर पड़ा माओवादी संगठन
बस्तर में नक्सली कमाई का अलग अलग जरिया अपनाते नजर आते है, कभी गांजा की खेती तो कभी लेवि वसूली के जरिये पैसे की उगाही करने की कोशिश करते है, वही नक्सलियों द्वारा पहली बार नकली नोट खपाने का मामला हाल ही में सामने आया है. एसे में अब पुलिस और प्रशासन की चिंता बढ़ी हुई है, अब तक कितने नकली नोट बाजार में खपाए गए है, इसकी जांच भी सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की जा रही है, माओवादियों द्वारा छापे जा रहे नकली नोट के खुलासे के बाद बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने भी ग्रामीणो से अपील करते हुए कहा है कि हाट बाजारों में अंदरूनी इलाकों में लगने वाले मार्केट में ग्रामीण नोट को अच्छी तरह से परख लें.

इधर नक्सलियों द्वारा नकली नोट छापने के खुलासे के बाद सभी नक्सल प्रभावित राज्यो को भी अलर्ट किया गया है और सुरक्षा एजेंसियां इस मामले की जांच में जुटी हुई है, आईजी का कहना है कि नक्सली संगठन का आर्थिक कनेक्शन पुरी तरह से टूट गया है, लगातार सुरक्षाबलों द्वारा चलाये जा रहे नक्सल ऑपरेशन से माओवाद संगठन कमजोर पड़ गया है, यही वजह है कि नक्सली  नकली नोट छापकर उन्हें बाजार में खपाने की कोशिश कर रहे है, हालांकि माओवादियो के फेंक करंसी का पुरी तरह से खुलासा सुरक्षाबलों ने कर दिया है, ऐसे में अब अंदरूनी इलाक़ो के ग्रामीणो से लेनदेन करते समय सावधानी बरतने की अपील भी बस्तर आईजी ने की है.

सुरक्षा एजेंसी नकली नोट पकड़ने टीम बनाकर कर रही काम
गौरतलब है कि सुकमा जिले के भेज्जी थाना क्षेत्र के अंतर्गत कोर्रागुड़ा में जवानो ने माओवादियों के अस्थायी कैम्पो में धावा बोला था और मौके से माओवादी भाग निकले  थे. लेकिन सर्चिग में  जवानो ने नकली नोट छापने के दास्तवेजो को बरामद किया, साथ ही प्रिन्टर, स्याही और कई 100, 200 और 500 के नकली नोट को जप्त किया, छत्तीसगढ़ में यह पहली बार है कि नक्सलियो के द्वारा नकली नोट छापने का मामला सामने आया है.

फिलहाल सुरक्षा एजेंसी इसकी जांच में पूरी तरह से जुट गई है और बस्तर संभाग के अलग-अलग नक्सल प्रभावित जिलों में टीम बनाकर काम भी कर रही है, फिलहाल यह भी माना जा रहा है कि अगर नक्सली इस नकली नोट छापने के कारोबार में सफल हो गए तो इससे देश की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ सकता है.


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