Bastar Millets Cold Drink News: गर्मी का मौसम आते ही लोगों की प्यास बढ़ जाती है और लोग बाजार में मिलने वाली अलग-अलग तरह की कोल्ड ड्रिंक्स का सहारा लेते हैं. लेकिन बस्तर के ग्रामीण अंचलों में गर्मी के दिनों में सबसे ज्यादा रागी से बनी मंडिया पेज की डिमांड होती है. इसे बस्तर के ग्रामीण गर्मी में अपनी प्यास बुझाने के साथ अपनी सेहत के लिए काफी फायदेमंद मानते हैं. इस वजह से गर्मी का मौसम आते ही ग्रामीणों के हर घर में मंडिया पेज मिलना आम बात होता है, लेकिन प्रशासन की उदासीनता के चलते यह शहरी क्षेत्रों में चलन से बाहर है और प्रशासन ने भी गर्मी के दिनों में सेहत से भरपूर मंडिया पेज के प्रचार प्रसार के लिए कोई पहल नहीं की है, जिसके चलते बाजार में इस देसी ड्रिंक के जगह ठंडे सॉफ्ट ड्रिंक ने जगह ले ली है.
शरीर के लिए है काफी फायदेमंद
छत्तीसगढ़ के बस्तर में पिये जाने वाली पेय पदार्थों में से एक मंडिया पेज को शरीर के लिए काफी हेल्दी माना जाता है. खासकर गर्मी के मौसम में ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरी करने वाले महिला और पुरुषों के लिए मंडिया पेज किसी कोल्ड ड्रिंक से कम नहीं होती. शरीर में ठंडक पहुंचाने के साथ यह कैल्शियम और डायबिटीज मरीजों के लिए रामबाण है, लेकिन शहरों में अब धीरे-धीरे इस देसी ड्रिंक की जगह सॉफ्ट ड्रिंक ने ले ली है और प्रशासन सेहत से भरपूर इस मंडिया पेय के लिए भी कोई प्रचार-प्रसार नहीं कर रहा है.
खास बात यह है कि औषधीय गुणों से भरपूर मंडिया पेय शरीर को ताकत देने के साथ ही डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंद माना जाता है. प्रचुर मात्रा में कैल्शियम और विटामिन C होने की वजह से यह शरीर को काफी फायदा पहुंचाता है. आदिवासी अंचलों की महिला, पुरुषों के साथ ही छोटे बच्चों और बुजुर्गों के द्वारा भी मंडिया पेय का सेवन करना आम बात है. आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉक्टर केके मिश्रा का कहना है कि मंडिया पेय ग्रामीणों की सेहत का सबसे बड़ा राज है. गर्मी के मौसम में शहरी इलाकों के लोगों को सबसे ज्यादा डिहाइड्रेशन की प्रॉब्लम होती है. तेज धूप की वजह से शरीर लस्त पड़ जाता है और लोग ठंडा पानी या फिर मार्केट में मिलने वाले तरह-तरह के सॉफ्ट ड्रिंक का सेवन करते हैं जो शरीर के लिए काफी नुकसानदायक होता है. वहीं बस्तर के ग्रामीण अंचलों में रहने वाले लोग गर्मी के मौसम में पर्याप्त मात्रा में वनोपज रागी को पीसकर मंडिया बनाते हैं और उसके बाद सुबह शाम इसका सेवन करते हैं.
इससे ग्रामीण हष्टपुष्ट और स्वस्थ होते हैं और उनकी जीविका भी काफी लंबी होती है. इसके जानकार हेमंत कश्यप बताते हैं कि मंडिया पेय बस्तर के आदिवासियों के लिए प्रमुख पेय है. आदिवासी अंचलों में सभी घरों में मंडिया पेज बनना सामान्य बात है. यह शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के साथ-साथ पाचन क्रिया को भी ठीक करता है. साथ ही, यह ऊर्जा का मुख्य स्रोत भी है. इसमें मुख्य रूप से अमीनो अम्ल, कैल्शियम, लौह तत्व, ग्लूकोस, प्रोटीन, फाइबर प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. तेज धूप और गर्मी के मौसम में मंडिया पेय का कोई तोड़ नहीं है.
हालांकि चिकित्सकों का भी कहना है कि इसकी खूबियों की जानकारी नहीं होने की वजह से शहरी इलाकों में मंडिया पेय की जानकारी नहीं होती है. इस वजह से लोग ठंडे कोल्ड्रिंक और मार्केट में मिलने वाली तरह-तरह के ठंडे पेय पदार्थ का सेवन करते हैं. वहीं, प्रशासन भी मंडिया पेज की खूबी को प्रमोट करने के लिए कोई पहल नहीं कर रहा है जिससे शहरी क्षेत्रों में भी मंडिया पेज लोगों को आसानी से मिल सके. वहीं, बस्तर के लोगों का कहना है कि अगर प्रशासन इस ओर ध्यान देता है और इससे अलग-अलग फ्लेवर में बाजार में उपलब्ध कराता है. तो इसके सेवन से बस्तर के साथ-साथ छत्तीसगढ़ वासी भी गर्मी के मौसम में न सिर्फ सेहतमंद रहेंगे बल्कि इससे ग्रामीणों को रोजगार भी मिल सकेगा. फिलहाल, इस ओर प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है.
मंडिया पेय को लेकर प्रचार प्रसार का है अभाव
हालांकि राज्य सरकार द्वारा सी मार्ट के माध्यम से रागी और मंडिया पेज की जरूर बिक्री की जाती है, लेकिन इसकी खूबी को लेकर प्रचार प्रसार नहीं किए जाने के चलते कई लोग इसके फायदे से अनजान हैं. ऐसे में गर्मी के मौसम में कोल्ड ड्रिंक्स और ठंडे पेय पदार्थ का सेवन कर अपनी सेहत का खिलवाड़ कर रहे हैं. जानकारों का कहना है कि अगर सरकार इस ओर ध्यान देती है तो गर्मी के मौसम में मंडिया पेय की काफी डिमांड बढ़ेगी और यह लोगों की सेहत के लिए काफी फायदेमंद होने के साथ ही इसकी बिक्री से ग्रामीणों के लिए भी रोजगार उपलब्ध हो सकेगी.
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