Bastar News: छत्तीसगढ़ में किसानों के कर्ज माफी (Loan Waiver) का वादा इस साल भूपेश सरकार के हारने के साथ ही अधूरा रह गया. प्रदेश में कांग्रेस (Congress) सत्ता दोबारा हासिल नहीं कर पाई. कांग्रेस के कर्ज माफी के वादे के कारण बस्तर (Bastar) के किसानों ने भी बढ़-चढ़कर सहकारी बैंक से लाखों रुपये का कर्जा लिया था, लेकिन अब इन किसानों को मार्च तक कर्ज की राशि का पूरा भुगतान करना होगा.
साल 2018 में जिस तरह से कांग्रेस पार्टी ने कर्ज माफी का वादा कर सत्ता हासिल की थी. बस्तर के किसानों को लग रहा था कि कांग्रेस प्रदेश की सत्ता में बरकरार रहेगी. यही वजह थी कि किसानों ने इस साल पिछले चुनाव के अनुरूप बैंक से ज्यादा कर्ज लिया था, बस्तर संभाग की बात की जाए तो लगभग 1 लाख 55 हजार किसानों ने सहकारी बैंक से कर्ज लिया है और इस कर्ज की रकम करीब 7 अरब 76 करोड़ रुपए हैं. हालांकि यह सभी कर्ज ब्याज मुक्त है और 15 मार्च 2024 तक यह कर्ज चुकाने की अवधि किसानों को दी गई है.
समय पर चुकाया कर्ज तो फिर मिला बिना ऋण का लोन
अगर समय पर किसान अपना पूरा कर्ज चुका देते हैं तो आने वाले समय में इन किसानों को बिना ब्याज दर पर फिर कर्जा दिया जाएगा. इधर पिछले साल की बात की जाए तो 11 हजार किसान ऐसे हैं जो तकरीबन बैंक से 90 करोड़ कर्ज लेकर नहीं पाए हैं, जिन्हें नोटिस भेजने की प्रक्रिया जिला सहकारी बैंक के अधिकारियों के द्वारा की जा रही है.
सबसे ज्यादा इन जिलों के किसानों ने लिया है कर्ज
प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के साथ ही किसानों से 3100 रुपए क्विंटल में धान खरीदी की जा रही है और किसान बढ़ चढ़कर अपने धान बेचने खरीदी केंद्रों तक पहुंच रहे हैं, लेकिन बस्तर के किसानों की बात की जाए तो किसानों को उम्मीद थी कि अगर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है तो उनका पूरा कर्ज माफ हो जाता लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
संभाग के डेढ़ लाख किसानों ने लिया कर्ज
बस्तर संभाग के सातों जिलों से करीब 1 लाख 55 हजार किसानों ने 7 अरब 76 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है. हालांकि इस कर्ज को चुकाने के लिए बैंक के द्वारा किसी तरह का ब्याज नहीं लिया जा रहा है, लेकिन कर्ज चुकाने के लिए केवल 15 मार्च तक ही समय दिया गया है. सबसे ज्यादा कर्ज बस्तर संभाग के कांकेर, बीजापुर,सुकमा, कोंडागांव और बस्तर जिले से किसानों ने लिया है.
सहकारी बैंक ने जारी किया आंकड़ा
जिला सहकारी बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीकांत चंद्राकर ने बताया कि यह पहला मौका है जब किसानों से वसूली जाने वाली रकम करीब साढ़े 7 अरब पहुंची है. हालांकि सहकारी बैंक के अधिकारियों को उम्मीद है कि धान का समर्थन मूल्य बढ़ा दिए जाने से सभी किसान बैंक द्वारा लिए गए कर्ज को समय रहते ही चुका देंगे. फिलहाल पिछले साल जिन 11 हजार किसानों ने करीब 90 करोड़ का कर्ज नहीं चुकाया है उन्हें बैंक की तरफ से नोटिस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
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