Bastar Corona News: देशभर में कोरोना की तीसरी लहर का प्रकोप बढ़ने के साथ ही अपने घर छोड़कर दूसरे राज्यों में रोजगार के लिए पलायन करने वाले मजदूरों के वापस घर लौटने का सिलसिला शुरू हो चुका है, छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग से भी अन्य राज्यों में रोजगार के लिए पलायन किए मजदूर लॉकडाउन के आसार को देखते हुए धीरे-धीरे वापस अपने घर लौट रहे हैं, लेकिन वापस लौट रहे इन मजदूरों के साथ-साथ कोरोना की तीसरी लहर और ओमिक्रोन का खतरा भी बस्तर में बढ़ गया है.


दरअसल पड़ोसी राज्य तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में बड़ी संख्या में कोरोना से संक्रमित मरीज मिल रहे हैं, ऐसे में इन राज्यों में मजदूरी के लिए गए बस्तर के मजदूर वापस लौटने लौट रहे हैं, और इस दौरान मजदूरों का कोरोना जांच कर घर भेज दिया जा रहा है, इनके लिए प्रशासन ने ना ही कोई क्वारंटाइन सेंटर बनाया है और ना ही जांच रिपोर्ट इंतजार करने के लिए कोई दिशा निर्देश जारी किए गए हैं, लिहाजा अगर मजदूर कोरोना संक्रमित पाए जाते हैं तो ऐसे में बड़ी संख्या में ग्रामीण अंचल के लोग भी कोरोना के चपेट में आ सकते हैं और कोरोना विस्फोट होने की भी पूरी संभावना बनी हुई है.


हर साल हजारों मजदूर करते हैं पलायन


दरअसल बस्तर संभाग के 7 जिलों से हजारों की संख्या में ग्रामीण मजदूरी के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं, बीते वर्ष कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कई ग्रामीण अन्य राज्यों से वापस लौटने के दौरान कोरोना संक्रमित पाए गए थे, हालांकि प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए संभाग के सभी ग्रामीण अंचलों में अस्थाई तौर पर क्वारंटाइन सेंटर बनाया था, लेकिन इस बार कोरोना का प्रकोप बढ़ने के साथ ही बस्तर जिले से लेकर संभाग के अन्य जिलों में ऐसी कोई तैयारी नहीं दिख रही है, ना ही क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है, और ना ही वापस लौटे ग्रामीण मजदूरों के लिए कोई दिशा निर्देश जारी किया गया है, लिहाजा एक बार फिर लॉकडाउन के आसार को देखते हुए बस्तर से मजदूरी के लिए पलायन कर गए मजदूर वापस अपने घर लौट रहे हैं, और उनके साथ कोरोना संक्रमण के फैलने का भी खतरा बढ़ गया है, वहीं कोरोना की तीसरी लहर के साथ ओमीक्रोन का खतरा भी बस्तर में मंडराने लगा है, हालांकि प्रशासन वापस लौट रहे मजदूरों की कोरोना जांच जरूर कर रहा है, लेकिन RT-PCR रिपोर्ट के लिए सभी को 10 से 12 दिन का इंतजार करना पड़ रहा है, ऐसे में कोरोना जांच करवाकर अपने घर जा रहे मजदूर अगर कोरोना संक्रमित पाए जाते हैं तो मजदूर के परिवार और गांव में कोरोना संक्रमण काफी तेजी से फैल सकता है, और बड़ी संख्या में ग्रामीण इसकी चपेट में आ सकते हैं.


प्रशासन ने नहीं किए कोई इंतजाम


गौरतलब है कि बीते वर्ष कोरोना काल के दौरान दूसरे राज्यों से बड़ी संख्या में वापस अपने घर लौटे मजदूर कोरोना से संक्रमित पाए गए थे, जिससे शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण अंचलों में कोरोना संक्रमण तेजी से फैला था, और कई ग्रामीणों की जान भी चली गई थी, बावजूद इसके वर्तमान में जिस तरह से कोरोना की तीसरी लहर ने कहर बरपा रखा है, इसे देखते हुए प्रशासन ने अब तक कोई इंतजाम नहीं किया है, और ना ही इन मजदूरों के ठहरने के लिए कोई व्यवस्था कर रखी है. ऐसे में कोरोना विस्फोट होने के साथ ओमिक्रोन का खतरा भी बस्तर में बना हुआ है.


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