Bastar News: देश में पहली बार सरेंडर नक्सलियों और नक्सल पीड़ितों के लिए हब बनकर तैयार हो चुका है. हब छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में बनाया गया है. लगभग 30 एकड़ में बनाये गए हब में सरेंडर नक्सली और नक्सल पीड़ितों के परिवार रह सकेंगे. जीवन यापन और रोजगार का अवसर मुहैया कराने के लिए कॉम्प्लेक्स, ट्रेनिंग सेंटर बनाकर भी दिए जाएंगे. हब का नाम शहीद महेंद्र कर्मा कॉलोनी के नाम से रखा जा रहा है.


लोन वर्रा टू हब का 20 मई को सीएम बघेल करेंगे उद्घाटन


बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में पुलिस को लगातार सफलता मिल रही है. सभी नक्सल प्रभावित जिलों में स्थानीय नक्सलियों के साथ ही बाहरी नक्सलियों को सरेंडर करने का मौका दिया जा रहा है. दंतेवाड़ा में पिछले एक साल से लोन वर्राटू अभियान (घर वापस आइए) की शुरुआत की गई है.  लोन वर्रा टू अभियान के तहत अब तक 500 से अधिक नक्सली सरेंडर कर चुके हैं. नक्सलियों को पुनर्वास नीति का लाभ देने के लिए विशेष केंद्रीय सहायता मद से लगभग 3 करोड़ की राशि खर्च कर लोन वर्राटू हब बनाया गया है. लोन वर्रा टू हब दंतेवाड़ा शहर के पास ही बनाया गया है. पिछले डेढ़ साल से तैयार हो रहे हब में सरेंडर नक्सली और नक्सल पीड़ित परिवारों को हर तरह से बेहतर जीवन यापन की सुविधा मिलेगी. नक्सल प्रभावितों को एक ही जगह पर आवास से लेकर रोजगार देने का मॉडल देश के छत्तीसगढ़ राज्य में ही तैयार किया गया है. दंतेवाड़ा एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने बताया कि आगामी 20 मई को प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लोन वर्रा टू हब का उद्घाटन करेंगे.


Chhattisgarh: बिजली मैकेनिक की बेटी ने रचा इतिहास, जीता जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप वेटलिफ्टिंग में सिल्वर मेडल


एक ही जगह पर आवास से लेकर रोजगार देने की सुविधा


दंतेवाड़ा कलेक्टर दीपक सोनी ने बताया कि परिसर में कमेटी के तहत आवास आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. ज्यादा आवेदन होने पर लॉटरी पद्धति से चयन किया जाएगा. आवेदनों की संख्या कम होने पर बचे आवास को सरेंडर नक्सलियों को दिया जाएगा. एक ही जगह पर आवास से लेकर रोजगार भी दिया जाएगा. कलेक्टर ने बताया कि परिसर में रहने वाले नक्सल पीड़ित और सरेंडर नक्सलियों को शासन की तमाम योजनाओं से जोड़ा जाएगा. 30 एकड़ के टाउनशिप में 36 आवास, 20 दुकानें, 20 शेड निर्माण, सड़क, गार्डन, पार्किंग और पानी की सुविधा मिलेगी और एक आंगनबाड़ी केंद्र भी बनाया जाएगा. वर्राटू हब में बने 36 आवासों के लिए 86 आवेदन आए हैं. आवास पाने के नियम भी बनाए गए हैं. नियमों में प्राथमिकता नक्सल पीड़ित परिवारों को दी जा रही है. बताया जा रहा है कि आवास 3 साल के लिए आबंटित होगा. परिवार के किसी भी सदस्य का शासकीय सेवा में आने और शासकीय आवास आंबटन होने पर एक महीने बाद मकान खाली करना होगा. तैयार हो चुके हब से नक्सल पीड़ित परिवारों और सरेंडर नक्सलियों में काफी खुशी है.


Bastar News: छत्तीसगढ़ में पहली बार दिखा दुर्लभ प्रजाति का सांप, शर्मीले सांपों की गिनती में है शामिल