Bastar Rain News: बस्तर संभाग के कुछ जिलों में भारी बारिश से आई बाढ़ ने लोगों की परेशानी को और बढ़ा दिया है. खासकर सुकमा के कोंटा, बीजापुर और नारायणपुर के अबूझमाड़ से लगे हुए क्षेत्र मुख्य मार्गो से ही कट गए हैं. मुख्य मार्गों का संपर्क कट जाने पर लोगों को कई तरह की समस्याओं को झेलना पड़ रहा है. जीवन यापन, शिक्षा और सबसे ज्यादा स्वास्थ्य संबंधी जरूरत का पूरा करना लोगों को मुश्किल हो रहा है. अंदरूनी इलाकों में नदी नाले उफान पर हैं. ग्रामीणों को मुख्य मार्गों से जोड़ने के लिए सरकार ने पुल पुलिया का निर्माण नहीं किया है.


मरीजों को कांवड़ में ले जाने की है मजबूरी


गंभीर रूप से बीमार मरीजों को ग्रामीण कांवड़ में ले जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं. एंबुलेंस की भी सुविधा नहीं पहुंच पाने के कारण ग्रामीणों को मीलों पैदल चलना पड़ रहा है. कांवड़ में गर्भवती महिला और अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों को स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचा रहे हैं. कुल मिलाकर ग्रामीणों के लिए बरसात की बारिश आफत बनकर सामने आई है. बारिश के कारण स्वास्थ्य सुविधा की व्यवस्था चरमरा गई है.


अंदरूनी क्षेत्रों तक नहीं पहुंच रही एंबुलेंस


पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा हैं. बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं. खासकर बरसात के मौसम में ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अंदरूनी क्षेत्रों में आज भी स्वास्थ्य सुविधा नहीं पहुंच पाने की वजह से गंभीर मरीजों को कांवड़ के भरोसे कई मीलों तक पैदल चलकर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया जाता है. अबूझमाड़ इलाके में सबसे ज्यादा ग्रामीणों को बरसात के दौरान मुसीबत झेलनी पड़ रही है. गांव की गर्भवती महिला हो या गंभीर रूप से बीमार मरीजों को तुरंत स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है.


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नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुविधा का अभाव


लोगों का कहना है कि भारी बारिश की वजह से नदी नाले उफान पर आ जाते हैं. कई गांवों का संपर्क मुख्य सड़क से कट जाता है. ऐसी स्थिति में लोगों को मूलभूत सुविधा और सेवा भी उपलब्ध नहीं हो पाती है. सबसे बड़ी समस्या स्वास्थ्य सेवाओं की होती है. बरसात में मौसमी बीमारियों के अलावा मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारियां फैलती हैं. रास्ता कट जाने से कई बार स्वास्थ्य अमला भी नहीं पहुंच पाता है और इलाज के अभाव में कई बार लोगों की मौत भी हो जाती है.


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