Bastar News: बस्तर की बेटी नैना ने माउंट एवरेस्ट के शिखर पर लहराया तिरंगा, बनीं प्रदेश की पहली महिला पर्वतारोही
Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर की बेटी नैना ने माउंट एवरेस्ट के शिखर पर तिरंगा लहराया है. यह उपलब्धि हासिल करने वाली नैना सिंह धाकड़ छत्तीसगढ़ की पहली महिला पर्वतारोही बनी हैं.
Bastar Girl Hoisted Tiranga on Mount Everest: आजादी के अमृत महोत्सव पर आज पूरा देश जश्न मना रहा है. हर घर तिरंगा घर घर तिरंगा के तहत सभी घरों में तिरंगा लहराकर इस महोत्सव को धूमधाम से मनाया जा रहा है, देश मे ऐसे कुछ लोग है जिन्होंने अपने कड़ी मेहनत और साहस का परिचय देते हुए अपने प्रदेश और देश को और गौरवान्वित कर रहे हैं. उनमे से एक है छत्तीसगढ़ के बस्तर की बेटी नैना सिंह धाकड़ जो प्रदेश के पहली पर्वतारोही है, जिसने कुछ महीने पहले ही विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट और माउंट ल्होत्से पर तिरंगा फहराया है. यह उपलब्धि हासिल करने वाली नैना सिंह धाकड़ छत्तीसगढ़ की पहली महिला पर्वतारोही बनी हैं.
दरअसल विश्व की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8848.86 मीटर है. वहीं विश्व के चौथे नंबर का पर्वत शिखर माउंट ल्होत्से की ऊंचाई 8516 मीटर है. बस्तर की बेटी नैना सिंह धाकड़ ने इस ऊंचाई में चढ़ तिरंगा झंडा लहराकर फतेह हासिल की है. नैना ने बताया कि हिमालय माउंट एवरेस्ट में चढ़ने के लिए वह पिछले 11 साल से तैयारी कर रही थी. इस दौरान नैना को काफी परेशानी भी उठानी पड़ी, बावजूद इसके उसने हिम्मत नहीं हारी.
नैना ने बताया कि उसकी ख्वाहिश थी कि वह माउंट एवरेस्ट के सबसे बड़े शिखर लहोत्से में तिरंगा फैराकर बस्तर के साथ अपने छत्तीसगढ़ का नाम रोशन करे. आखिरकार नैना ने माउंट एवरेस्ट की सबसे ऊंची चोटी लहोत्से में तिरंगा लहरा कर बस्तर समेत पूरे प्रदेश को गौरवान्वित किया. बस्तर की बेटी नैना सिंह धाकड़ बस्तर ब्लॉक के टाकरागुड़ा की रहने वाली हैं. 26 साल पहले सिर से पिता का साया उठने के बाद नैना की मां ने पालन पोषण कर नैना को पढ़ाया लिखाया.
टाटा स्टील कंपनी से जॉब का आया ऑफर
नैना की माता विमला धाकड़ बताती हैं कि नैना का सपना कुछ और था. खेलों में महारथ हासिल करने के बाद नैना सिंह धाकड़ को टाटा स्टील कंपनी से जॉब के लिए ऑफर आया. जिसके बाद नैना को पहली बार टाटा की ओर से शिखर में चढ़ने के लिए भूटान भेजा गया. एक महीने तक भूटान में रहकर शिखर की चढ़ाई करने के बाद नैना की जमकर तारीफ हुई. उसे तब से पर्वतारोही नैना कहा जाने लगा. जिसके बाद धीरे-धीरे उसने बस्तर की माउंटेन गर्ल के तौर पर सभी प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और उपलब्धि हासिल करते चली गई.
बस्तर पुलिस ने नैना को ब्रांड एंबेसडर बनाया
माउंट एवरेस्ट के सबसे ऊंची चोटी लहोत्से में चढ़ाई करने से पहले नैना सिंह धाकड़ नेपाल, भूटान और हिमाचल प्रदेश के भागीरथी में भी फतह हासिल कर चुकी हैं. इस उपलब्धि के लिए बस्तर पुलिस ने नैना सिंह धाकड़ को बस्तर पुलिस का ब्रांड एंबेसडर बनाया था. कुछ महीने पहले वह इस फतेह को हासिल करने के लिए बस्तर से निकलीं और बकायदा हर मौसम को और खासकर कोरोना को मात देते हुए माउंट एवरेस्ट की उचाई 8848 मीटर और विश्व के चौथे नंबर का पर्वत शिखर माउंट ल्होत्से की ऊंचाई 8516 मीटर पर चढ़ाई कर तिरंगा लहराया. नैना सिंह धाकड़ इस फतेह को हासिल कर छत्तीसगढ़ राज्य की पहली पर्वतारोही महिला बनने की उपलब्धि हासिल की है.