Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बस्तर (Bastar) जिले में बीज विकास निगम (development corporation) और कृषि विभाग (Agriculture Department) द्वारा किसानों (farmers) को बेचे जाने वाले धान बीज में घोर लापरवाही बरतने का मामला सामने आया है. दरअसल, विभाग ने जिले के किसानों को अमानक बीज बेच दिया है. जिससे अब किसानों की चिंता बढ़ गई है. वहीं मामले के उजागर होने के बाद दोनों विभाग के अधिकारी एक दूसरे पर आरोप मढ़ने में लगे हुए हैं.


किसानों से बीज लेने की कोशिश जारी


बता दें कि जिन किसानों को अमानक बीज बेचे गए हैं, उन्हें इसका इस्तेमाल नहीं की बात समझाने में विभाग के कर्मचारियों के पसीने छूट रहे हैं. बीज विकास निगम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में कुल 39 क्विंटल अमानक बीच किसानों को बेच दिया गया है. ऐसे में अब सहकारी समितियों के माध्यम से इन किसानों से बीज वापस लेने के लिए उनकी जांच की जा रही है.


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टेस्टिंग के लिए रायपुर भेजे गए सैंपल बीज


बस्तर जिले में ठीक मानसून से पहले किसानों को अमानक बीज बेच दिया गया है. बीज विकास निगम और कृषि विभाग के अधिकारी टेस्टिंग के लिए रायपुर भेजे गए सैंपल बीज की रिपोर्ट आने से पहले ही इसे जिले के अलग-अलग ब्लॉकों में किसानों को सहकारी समितियों के माध्यम से बेच दिया है.


दरअसल, बीते 27 मई को राजेश्वरी और एमटीयू 1010  धान बीज की शिकायत मिलने के बाद इसकी टेस्टिंग के लिए रायपुर और राजनांदगांव भेजा गया था और भेजे गए सैंपल की जांच रिपोर्ट में बीज अमानक पाए गए थे. इससे पहले कि विभाग के पास इन दोनों अमानक बीज की रिपोर्ट पहुंच पाती, उससे पहले ही कृषि विभाग ने सहकारी समितियों के माध्यम से लगभग 39 क्विंटल जिसमें 33 क्विंटल एमटीयू 1010 किस्म के बीज और 6 क्विंटल राजेश्वरी किस्म के बीज को किसानों को बेच दिया. 


अब आनन-फानन में कृषि विभाग ने राजेश्वरी और एमटीयू 1010 के विक्रय पर पूरे जिले में प्रतिबंध लगा दिया है. इसके साथ ही जिन किसानों ने यह बीज खरीदे हैं उन्हें भी इस अमानक बीज का इस्तेमाल नहीं करने की चेतावनी दी जा रही है. इधर बीज विकास निगम के निरीक्षक मायाराम नेताम का कहना है कि सैंपल की जांच में अमानक पाए जाने पर इसके विक्रय पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है.


इसके साथ ही किन-किन किसानों से कितनी मात्रा में बीज का विक्रय किया गया है उसकी सूची भी मंगवाई गई है. वहीं कृषि विभाग के उपसंचालक एस. के सेवता का कहना है कि अमानक बीच के संबंध में बीज निगम से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा. जिससे बीज के खराब होने की वजह का पता लग सके. वहीं जिन किसानों को बीज दिया गया है उन्हें हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति की जाने की भी तैयारी की जा रही है.


8 साल में 20 बार बेचे गये अमानक धान बीज


इधर रिपोर्ट आने तक अमानक पाए जाने वाले बीज के वितरण को लेकर बीज विकास निगम के अधिकारी कृषि विभाग के अधिकारियों को दोषी ठहरा रहे हैं. बीज विकास  निगम के अधिकारी  का कहना है कि कृषि विभाग के अधिकारी के भंडारण में देरी से ऐसा हुआ है. गौरतलब है कि पिछले 8 सालों में बस्तर जिले में अमानक बीज के वितरण के 20 मामले सामने आए हैं.


बीज विकास निगम द्वारा सप्लाई किए गए बीज में पिछले 8 साल में अब तक 24 वैरायटी के धान बीज अमानक निकल चुके हैं और इस बार भी विभाग के जिम्मेदार अधिकारी अपनी गलती को सुधारने की बजाय किसानों को एक बार फिर अमानक बीज का वितरण कर चुके है. जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ सकता है.


फिलहाल  जिन किसानों को यह अमानक धान बेचा गया है उनकी सूची तैयार कर इस अमानक धान बीज का इस्तेमाल नहीं करने को कहा जा रहा है. वहीं इस बीज के वितरण पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिए जाने की बात कही जा रही हैं.


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